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आत्महत्या (Suicide) नहीं, आत्म चिंतन से अनमोल जिंदगी बचाएं
साधारण शब्दों में आत्महत्या (Suicide) का अर्थ स्वयं की हत्या करना है अर्थात् खुदकुशी करना है। वर्तमान समय में आत्महत्या के केस अधिकतर देखे जा रहें हैं। आख़िर इन आत्महत्याओं की मुख्य वजह क्या है? क्या भविष्य में आत्महत्या की संख्या में सुधार होगा।
आईए मित्रों कुमार जितेन्द्र “जीत” के साथ PPP और SSS मॉडल से विश्लेषण से समझने का पूरा प्रयास करते हैं
आत्महत्या के मुख्य कारण PPP मॉडल
P – प्रेम – प्रसंग ,
P- परिवार में असामंजस्य ,
P – परेशानियों का सामना करना
प्रेम-प्रसंग
वर्तमान समय में आत्महत्या के मुख्य कारणों में से एक प्रेम प्रसंग है। वर्तमान समय में युवा पीढ़ी प्रेम प्रसंग में अधिक डूब गई है। प्रेम की वास्तविक परिभाषा को समझे बिना एक काल्पनिक प्रेम के रंगो रंगीन होती जा रही है। हम देखते हैं काल्पनिक प्रेम स्वार्थ भावनाओं से लिप्त होता है। वर्तमान समय में युवा पीढ़ी अपने वास्तविक लक्ष्य से भटक कर प्रेम के सागर में डूबती जा रही है।
प्रायः यह देखा गया है कि काल्पनिक और झूठा प्रेम जब हक़ीक़त को बया करता है तो इसका परिणाम आत्महत्या को मजबूर कर देता है। क्योकि वर्तमान का अदृश्य प्रेम सत्य के प्रकाश में टिक नहीं पाता है जिसके चलते परिणाम एक भयंकर रूप ले लेता है जो हमारे लिए चिंतनीय है।
परिवार में असामंजस्य
आत्महत्या का दूसरा रूप परिवार सदस्यो के बीच असामंजस्य है। कहने का तात्पर्य यह है कि परिवार के किसी छोटे बड़े द्वारा कही गई बात को किसी में सहन करने की शक्ति नहीं होती है। फिर अंदर ही अंदर छोटी सी बात एक विकराल रूप धारण कर लेती है। दूसरी ओर पौराणिक काल से सयुक्त परिवार की चली आ रही परंपरा अब धीरे धीरे खत्म होने के कगार पर हैं।
वर्तमान समय में युवा पीढ़ी में बढ़ती ईर्ष्या, स्वार्थ, एकांतवास और समय अभाव की भावना सयुक्त परिवार से एकल परिवार को बढ़ावा दे रही है। जिससे नकारात्मकता एवं तुलनात्मक प्रतिस्पर्धा की भावना तीव्र गति से बढ़ रही है। जो एक परिवार के लिए घातक साबित हो रही है। क्योंकि एकल परिवार में पति – पत्नी के बीच किसी बात को लेकर जो अनबन हो जाती है उसे शांत करने वाला कोई होता नहीं है। जिससे उसका परिणाम एक आत्महत्या के रूप में बदल जाता है।
परेशानियों का सामना
आत्महत्या का तीसरा रूप परेशानियों का सामना करना है। वैसे मनुष्य जीवन में इंसान विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना करने से मजबूत होता है। परंतु अचानक कुछ ऎसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती है । जैसे किसी कर्ज में डूब जाना, किसी के द्वारा मानसिक रूप से दबाव देना, अनैतिक कार्यो में लिप्त हो जाना जैसी अनेकों परेशानियां जीवन को प्रभावित कर देती है।
आधुनिक इंसान इन सब परेशानियों को झेल नहीं पाता है और मानसिक रूप से विकृत हो जाता है। फिर एकाएक आत्महत्या करने को मजबूर हो जाते हैं। उनके सामने उस परिस्थिति के दौरान आत्महत्या के सिवाय कोई दूसरा विकल्प नहीं बचता है।
आत्महत्या को रोकने का SSS मॉडल
S- सन्तुलन
S- समझदारी
S- समाधान
सन्तुलन
वर्तमान में तीव्र गति बढ़ रही आत्महत्याओं को रोकने के लिए संतुलन पहला मुख्य बिन्दु है। कहने का तात्पर्य यह है कि किसी भी विपरीत परिस्थितियों से निपटने के लिये सन्तुलन बनाए रखना जरूरी है। किसी भी कार्य को आवेश में आकर न करें। उसके परिणामों पर के नजर डालते हुए सभी तथ्यों के बीच संतुलन बिठाना अतिआवश्यक है। संतुलन हमें एक उज्जवल पथ की ओर ले जाता है जो भविष्य की राह आसान बना देता है और खुदकुशी को रोक कर जीवन को खुशहाल बना देता है। मनुष्य जीवन में सन्तुलन से दुनिया की सारी खुशियां प्राप्त की जा सकती है।
समझदारी
आत्महत्याओं को रोकने का दूसरा मुख्य बिन्दु समझदारी है और समझदारी से किया गया प्रत्येक कार्य हमें सफलता की राह दिखाता है। अमूमन यह देखा गया है कि किसी पारिवारिक जीवन में छोटी छोटी बातों को लेकर परिवार में प्रतिदिन क्लेश बना रहता है। क्योंकि वर्तमान परिस्थितियों में किसी इंसान के अंदर सहनशक्ति बिल्कुल नहीं हैं।
इन सब परिस्थितियों को देखते हुए वर्तमान में किसी भी परिवार के सदस्यों को समझदारी से किया गया कार्य करना एक उचित रास्ता दिखा सकता है। तथा किसी भी प्रकार की विपरीत परिस्थित उत्पन्न हो जाए जैसे कर्ज में डूब जाए या किसी कार्य में सफलता नहीं मिल पाई तो हमें आत्महत्या की बजाय समझदारी से कार्य कर अनमोल जीवन को बचा सकते हैं। समझदारी हमारे जीवन को एक नया जीवन प्रदान कर सकती है।
समाधान
आत्महत्या को रोकने का तीसरा मुख्य बिन्दु समाधान है। सरल भाषा में अगर कहा जाए किसी भी समस्या का तोड़ मरोड़ तो जरूर निकाल सकते हैं। वर्तमान समय एक तुलनात्मक और प्रतिस्पर्धा का हो गया है । हर कोई इंसान चाहता है कि में किसी से अच्छा करू और इसी अच्छा करने की कोशिश में वह ऎसे ऎसे कार्यो को अंजाम दे देता है जिसके लिए वह उपयुक्त नहीं होता है । फिर उसके ऊपर समस्याओ का पहाड़ टूट पड़ता है ऎसी स्थिति में उसे आत्महत्या करने की बजाय अपने आसपास के मित्रों, सगे संबंधी, पड़ोसियों या अपने से वरिष्ठ सज्जनों की सलाह लेकर किसी भी प्रकार की समस्या से समाधान पा सकते हैं।
विश्लेषण
खुदकुशी
इस नकरात्मक शब्द के अगर गणितीय दृष्टि से गुणनखंड कर उसमें से पुनः नकारात्मक शब्दों को हटा दिए जाए तो हमें अपने जीवन की अनमोल खुशी मिलती है जैसे
उदाहरण शब्द – खुदकुशी
गुणनखंड करने पर
खु द कु शी …. (समी. – 1)
नकारात्मक शब्द
द – दुश्मन, कु – कुकर्म …. (समी. – 2)
समी. (1) में से समी. (2) को घटाने पर
खु ~द~~कु~ शी — ~द~ ~कु~
= खुशी
सिद्ध होता है कि अपने जीवन में किसी भी प्रकार के दु – दुश्मन अर्थात् पारिवारिक क्लेश या कर्ज और कु – कुकर्म कभी नहीं करें। क्योंकि हमारे आसपास ये दोनों शत्रु होंगे ही नहीं तो खुदकुशी की नौबत ही नहीं आएंगी।
मित्रों, सज्जनों किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान आत्महत्या नहीं है बल्कि किसी भी समस्या का बड़े बुजुर्गों, मित्रों के माध्यम से उचित समाधान कर जीवन को खोने से बचाना है। जीवन बड़ा अनमोल है और अनमोल जीवन को सुरक्षित रखे
युवा पीढ़ी के भविष्य के लिए अशिक्षा का उन्मूलन जरूरी है
अशिक्षा उन्मूलन- शीर्षक से ही स्पष्ट हो जाता है कि जो शिक्षा रहित है अर्थात् जहां शिक्षा की कमी नजर आए उसे दूर करना ही अशिक्षा उन्मूलन है l वर्तमान परिस्थितियों को अगर देखा जाए तो तो अशिक्षा उन्मूलन की बहुत ही आवश्यकता है l हम पूरे विश्लेषण से आपको अशिक्षा उन्मूलन के बारे में समझाने का प्रयास करेंगे l
अशिक्षा के मुख्य कारण जो उन्मूलन में बाधक है
गरीबी
तीन अक्षरों में छिपा शब्द गरीबी बुद्धिमान इंसान को सदियों से अंधेरा में रखा है अर्थात् शिक्षा से वंचित रखा है l जहां तक देखा गया है गरीबी का परिणाम इंसान को मानसिक रूप से खोखला कर देती है l सभी प्राणियों में इंसान को बुद्धिमान बताया गया है परंतु गरीबी ने इंसान की बुद्धिमत्ता को कोसो दूर ले गई है l जिससे अधिकांश पीढ़ी अशिक्षित ही गुजर गई हैl
समाज का चक्रव्यू
इंसान एक समान प्राणी होते हुए भी कई समाजों में बंट गया है l समाज भी ऎसे जिनकी भिन्न-भिन्न विचार धाराएं पनप गई है l कई शिक्षा को बढ़ावा देने के पक्ष में हैं तो कई शिक्षा नहीं देने के पक्ष में जी रहे हैं l ऎसी विचार धाराओं के पनपने के मुख्य कारण अशिक्षा है l समाज में ऎसे अशिक्षित पंच उभर कर सामने आ रहे हैं जो सामाजिक कुरीतियों को बढ़ावा दे रहे हैं परंतु शिक्षा को बिल्कुल भी नहीं l इसके परिणाम देखने से पता चलता है समाज में कई ऎसे परिवार आर्थिक और मानसिक रूप से से ग्रस्त जीवन यापन कर रहे हैं l
संसाधनों की कमी
अशिक्षा का मुख्य कारण एक संसाधनों की कमी भी है क्योंकि बिना संसाधन शिक्षा को प्राप्त नहीं किया जा सकता है l वर्तमान समय में इंसान ने बहुत तरक्की कर ली है परन्तु आज भी कई ऎसे क्षेत्र है संसाधनो की वजह से शिक्षा पहुच नहीं पाई है l उन क्षेत्रों में आज भी इंसान शिक्षा से के इंतजार की आशा में बैठा है l कहने का तात्पर्य यह है कि वास्तविक संसाधनो के बिना वास्तविक शिक्षा को प्राप्त नहीं कर सकते है l
अशिक्षा का गोरखधंधा
वर्तमान समय में शिक्षा के नाम पर बहुत से लोगों के गोरखधंधा शुरू कर दिया है तात्पर्य यह है कि वर्तमान समय में शिक्षा का व्यापारीकरण तीव्र गति से हो रहा है l शिक्षा की बड़ी बड़ी संस्थान छोटे छोटे कमरों में दुकानों के रूप में देखने को मिल रही है l आपको घर बैठे बिना पढ़े, बिना लिखे केवल पैसों के बल पर बड़ी से बड़ी डिग्रियां उपलब्ध हो जाती है l
ये केवल कागज की डिग्रियां होती है जो व्यापार के रूप में काम में ली जाती है इनका वास्तविक शिक्षा से कोई लेना देना नहीं होती है l वर्तमान में यह सब धड़ल्ले से बिक रही है l जो एक चिंतनीय विषय है l क्योंकि यह अशिक्षा भविष्य के खतरनाक सिद्ध हो सकती है l
क्यों जरूरी है वर्तमान में अशिक्षा का उन्मूलन…?
वर्तमान समय में जो अशिक्षा का प्रभाव तीव्र गति से बढ़ रह हैं l इस प्रभाव को ब्रेक लगाने के अशिक्षा उन्मूलन की सख्त जरूरत है l और यह तभी संभव हो पाएंगे जब गरीबी, समाज का विपरीत चक्रव्यू, संसाधनो की कमी और तीव्र गति से बढ़ रहे अशिक्षा के गोरखधंधे को जड़ से मिटाने पर सम्भव हो पायेगा l
समय रहते अगर अशिक्षा का उन्मूलन हो नहीं हो पाया तो भविष्य का मानचित्र और ग्राफ कुछ अलग ही दिखेंगा जिस पर रेखाओं को दर्शाना मुश्किल हो जाएंगा l क्योंकि वर्तमान की पीढ़ी शिक्षा को हासिल कर रही है फिर भी अशिक्षित ही दिख रही है l क्योंकि वर्तमान में वास्तविक शिक्षा प्राप्त करना दूर केवल शिक्षा की औपचारिकता ही पूरी कर रहे हैं l
संकल्प
आओ हम सब मिलकर अपने भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए जहां भी अशिक्षा की छाया दिखे या दिखने वाली हो तो उसको दूर जरूर करे l और आने वाली पीढ़ी का शिक्षा से भविष्य उज्ज्वल करे l
मनुष्य का वास्तविक आभुषण शिक्षा ही हैशिक्षा रूपी आभुषण को सुरक्षित रखना अपने हाथों में है
वर्तमान समय में सकारात्मक दृष्टि से ऑनर किलिंग को रोकना होगा
ऑनर किलिंग को शाब्दिक परिभाषा की दृष्टि से देखे तो इसका अर्थ निकल कर सामने आ रहा है कि किसी परिवार या समाज की मुख्य प्रतिष्ठा को किसी व्यक्ति द्वारा धूमिल की जाती है तो उसके सगे – संबंधियों के द्वारा हत्या का रूप दिया जाता है उसे हम ऑनर किलिंग कहते हैं l
ऑनर किलिंग के मुख्य कारण
प्रेम प्रसंग
सामान्य तौर पर प्रायः यह देखा गया है कि ऑनर किलिंग का मुख्य कारण एक प्रेम प्रसंग है l अब यह प्रेम प्रसंग शादी के पहले का हो या शादी के बाद का दोनों स्थितियों में यह समस्या देखी गई है l वर्तमान समय में प्रेम की परिभाषा बिल्कुल बदल गई है l प्रेम एक स्वार्थ के रूप में किया जा रहा है या किसी इंसान की छवि को खराब करने के लिए हो… दोनों का परिणाम एक ऑनर किलिंग साबित हो रहा है l
प्रेम जो एक अपनत्व का भाव सिखाता है वो प्रेम वर्तमान में चोरी छिपे किया जा रहा है l उस चोरी छिपे प्रेम का जब उजागर होता है तो प्रेमी या प्रेमिका दोनों अपने अपने घरों से भागने का प्रयास करते हैं या फिर पकड़े जाते हैं या दोनों एक साथ आत्महत्या का रूप देने की कोशिश करते हैं l अगर उसमे विफल हो जाते हैं तो प्रेमी और प्रेमिका के इस कदम से दोनों परिवारों में भयंकर तनाव देखा जा सकता है यह तनाव एक ऑनर किलिंग में बदल जाता है l जो हम सब अपने आसपास सोशल नेटवर्किंग, समाचार पत्रों एवं अन्य माध्यमों की सहायता से हम प्रतिदिन देख रहे हैं l
फिर हम देखते हैं कि जिन परिवारों या समाज में प्रेम प्रसंग की घटना घटित होती है उनके मध्य ऎसे विचारों आगमन हो जाता है जैसे अपनी साफ सुथरी छवि, इज़्ज़त खराब हो जाएंगी l आसपास के लोग क्या कहेंगे और अपन किस को मुह दिखाएंगे जैसी हज़ारों बाते एक पल में सामने आ जाती है जिसका समय पर सकारात्मक रूप में बदलना मुश्किल हो जाता है l और देखते ही देखते ऑनर किलिंग की घटना घटित हो जाती है l जो एक चिंतनीय विषय है l
सम्पति विवाद
ऑनर किलिंग का दूसरा मुख्य कारण सम्पति विवाद भी देखा गया है l आजकल हर कोई स्वार्थ की जिंदगी जी रहा है बिना स्वार्थ कोई भी कार्य नहीं करता है l और सम्पति स्वार्थ को ज्यादा ही देखा गया है चाहे वो रुपये पैसों की हो या जमीन की हो l हर कोई चाहता है कि मेरे पास इतने पैसे हो… इतनी जमीन हो l परंतु बिना मेहनत के मिलना मुश्किल है l
आजकल देख रहे हैं किसी छोटे मोटे कार्यों को साथ मिलकर कर तो लेते हैं और जब उस कार्य में अधिक स्वार्थ नजर आने लगता है तो स्थितियां बदल जाती है l वही दूसरी ओर देखे तो जमीनी मामले भी हम विकट स्थितियां उत्पन्न हो रही है l हर कोई चाहता है कि मुझे अधिक जमीन मिले l उसके चक्कर में कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं l
यानी हर कोई पीछे नहीं हटता… प्रत्येक के मन में यह सोच रहती है अगर में पीछे रह गया तो मेरी छवि खराब हो जाएंगी l मेरी इज़्ज़त मिट्टी में मिल जाएंगी l ऎसी सोच पनपने के कारण एक दिन ऑनर किलिंग की जैसी स्थिति देखने को मिल ही जाती है l परंतु सम्पति सम्मान ही सब कुछ नहीं है किसी इंसान की जिंदगी से बढ़कर सम्पति नहीं होती है l सभी के लिए सोचने वाली बात है l जरा ध्यान जरूर देना l
समाधान
सकारत्मक दृष्टि से ऑनर किलिंग को रोक सकते हैं. वर्तमान समय में बढ़ती ऑनर किलिंग की घटनाएँ हमारे लिए दुखःद पूर्ण है l जो लोग ऎसी घटनाओं को अंजाम देते हैं क्या वो एक पल सोच ले की ऑनर किलिंग से हमे सम्मान या प्रतिष्ठा पुनः मिल पाएगी तो वे बिल्कुल गलत सोच रहे हैं l ऑनर किलिंग जैसी घटनाओं से सम्मान कभी नहीं मिल पाएगा l
अगर किसी व्यक्ति ने किसी परिवार या समाज की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है या करने का प्रयास किया है तो उस पर तुरन्त ऑनर किलिंग जैसी स्थिति को पैदा नहीं करे l कुछ समय के लिए रुक जाना सभी के अच्छा संकेत हो सकता है l जो घटना घटित हुई है घटने वाली है तो उसके बारे कुछ विचार विमर्श होना जरूरी है l उस घटना के बारे में पूरी तहकीकात करनी चाहिए कि यह जो घटना हुई है इसके पीछे क्या कारण हो सकता है l आख़िर क्या वजह रही कि यह अपने सम्मान को धूमिल किया जा रहा हैं l
कहने का तात्पर्य यह है कि घटना के बारे में बिना जाने कोई भी कदम उठाना नहीं चाहिए l और अगर हां किसी ने आपके सम्मान को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है तो उसे हत्या का रूप देना बिल्कुल गलत है l सम्मान की रेखा को हत्या की दृष्टि से देखना सभी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है l हां अगर किसी ने सम्मान की रेखा को धूमिल करने का प्रयास किया है तो बिल्कुल गलत है परंतु यह भी बिल्कुल गलत है कि उसे ऑनर किलिंग में बदल देवे l एक सकारत्मक दृष्टि से देख हमे उसे वास्तविक स्थिति पर ला सकते हैं l उसको सही दिशा दे सकते हैं उसका भविष्य बचा सकते हैं l
जागरूकता संदेश
वर्तमान समय में बढ़ती ऑनर किलिंग जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सकारात्मक कदम उठाने होंगे l किसी इंसान की जिंदगी से बढ़कर किसी की प्रतिष्ठा नहीं हो सकती है l प्रतिष्ठा पुनः प्राप्त कर सकते हैं जिंदगी नहीं इसलिए हमें आसपास ऎसी घटनाओं को घटित होने से पहले आगे आना चाहिए l सभी में जागरूकता पैदा करनी होगी ही जिंदगी से बढ़कर प्रतिष्ठा या सम्मान नहीं हो सकता है l जीवन अनमोल है चाहे वो मनुष्य का हो या पशु पक्षियों का l हमे सभी का जीवन अनमोल समझकर कर ऎसी घटनाओ को रोकना होगा l
कुमार जितेन्द्र “जीत”
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