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बंधन तेरी बांहों का (the bond of your arms)
गोद में बैठी थी तेरी
बंधन था तेरी बाहों का (the bond of your arms)
दूर जाती थी मैं घर से
पर पहरा था तेरी निगाहों का
बाबा तेरा मेरा रिश्ता
है जग से अनोखा
इसमें न गिले-शिकवे है
न है कोई धोखा
तेरे घर की बाबा
मैं हूँ राजकुमारी
छोड़ जाने पर मायका
सताती है याद तुम्हारी
न जाने क्यों बाबा
बेटियाँ जल्दी होती है बड़ी
पल भर में देखते देखते
आती है दूर जाने की घड़ी
खुला आसमान मिल गया
न कोई सीमा, न कोई पहरा
फिर भी हर घड़ी बाबा
याद आता है तेरी बाहों का घेरा
इस धुएँ ने सब कुछ उड़ा डाला
इस धुएँ ने सब कुछ उड़ा डाला
कर दिया कितनों का मुंह काला
खुशी पाने की थी चाह
पर ज़िन्दगी अपनी ख़त्म कर ली
आसमान की ऊंचाइयों को छूना था
पर छह गज ज़मीन अपनी करली
ना माॅं का सोचा ना पिता की याद आई
बहन-भाई से भी हो गई जुदाई
आगे बढ़ने से पहले पीछे ना देखा
ना सोची किसी की भलाई
कितना रोका प्रियतमा ने
पर तुमने नशे की आदत डाली
अपनी ज़िद की वज़ह से
मिटा दी उसके माथे की लाली
पता नहीं लोगों को क्यों
अब भी समझ में नहीं आता
इतना नशा करने से
क्या है उनको मिल जाता
सिर्फ ख़ुद को मौत और
अपनों को बदनामी ही मिलती है
न जाने कितने जन्मों के बाद
मानव को ज़िन्दगी मिलती है!
आओ हम सब मिलकर
आओ हम सब मिलकर इस बार
निराले से ढंग से मनाएँ दीपावली का त्यौहार
घर में चारों ओर दीप लगाएँ
मन के अंधेरे को दूर भगाएँ
भुलाकर सारे बैर-भाव
नई सुबह के देखे ख्वाब
अपने पराये सब मिल जाए
चेहरे ख़ुशी से खिल जाए
मन में ना कोई दुख पले
जीवन मैं ख़ुशी समा जाय
सुख शांति से मिलकर सब
दो हाथ जोड़कर लक्ष्मी-वंदन
चारों ओर दीप जलाकर
करे सबका अभिनंदन
उसे जीने दो
कब तक करोगे यह दरिंदगी,
क्यों छीन ली तुमने उसकी जिंदगी।
उस फूल को तुमने कैसे कुचल डाला,
क्यों उसके कपड़ों को चिथडो में बदल डाला॥
एक बार सुन तो लेते हो उसकी पुकार,
क्यों कर डाला यू बलात्कार
किसी के घर का चिराग थी वो,
सपनों के महलों में रहती थी जो॥
अपने बाबा की थी राजकुमारी,
मां को थी प्राणों से प्यारी।
अपनी बहन की वह सहेली थी,
ना समझो वह अकेली थी।
खता करने से पहले तुमने न सोची,
उसके बिना उसकी माँ कैसे जी पाएगी।
क्या हाल होगा उसके बाबा का,
जब उनके कांधे पर उसकी अर्थी जाएगी॥
हैवानियत की हद कर दी तुमने,
क्या बिगाड़ा था तुम्हारा उसने।
हीरो नहीं तुम हो खलनायक,
गुनाह नहीं है तुम्हारा माफ़ करने लायक।
जिस दिन तुम्हें तुम्हारे गुनाह की सजा मिलेगी,
हर लड़की के चेहरे पर मुस्कान खिलेगी॥
आभा चौहान
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