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poor mother in law
बेचारी सास – Mother in Law
बेचारी सास – Mother in Law : सुशीला गाँव में रहने वाली सीधी साधी महिला थी, शहरी तौर तरीको से बिल्कुल अनजान। सुशीला का एक ही बेटा था, उसका नाम कृष्णा था। कृष्णा विदेश में रहकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था, इन्जीनियरिंग के दौरान ही उसे चेल्सी नाम की एक लड़की से प्यार हो गया था और दोनों ने शादी करने का मन बना लिया था।
कृष्णा अपनी माँ से भी बहुत ज़्यादा प्यार करता था, क्यो कि कृष्णा जब पाँच साल का था तब उसके पिता का देहांत हो गया था और उसके दो साल बाद ही उसकी माँ सुशीला के साथ एक दुर्घटना हुई जिसमें उसकी माँ ने अपना एक पैर गवां दिया था फिर भी उसकी माँ ने हिम्मत नहीं हारी थी उसने अपने बेटे के अच्छे भविष्य को लेकर बहुत मेहनत की थी और बडी मुश्किल से उसे पाल-पौष कर बड़ा किया था, बाद में अपना खेत बेचकर उसे इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिये लन्दन भेजा था।
कृष्णा ने माँ को बिना बताये ही लंदन में चेल्सी की ज़िद पर कोर्ट मैरिज कर ली थी, लेकिन कृष्णा को माँ की बहुत याद आती रहती थी इसलिए वह एक दिन चेल्सी को लेकर माँ से मिलने गाँव में गया था, माँ दोनों बेटे बहु को घर के द्वार पर देखकर बहुत खुश हुई थी, माँ की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था क्यो की वह अपने बेटे से पूरे दो साल बाद मिल रही थी, वह तो सुशीला की आत्मा ही जानती थी की उसने अपने बेटे के दूर जाने के ग़म में कैसे दिन गुजारे थे।
लेकिन चेल्सी को यह सब देखकर अच्छा नहीं लग रहा था, उसे तो गाँव के माहोल और घर को देखकर बहुत घिन्न हो रही थी। सुशीला ने अपने बेटे बहु के लिये बडे चांव से चूल्हे पर खाना बनाया था बाजरे की रोटी, सरसो का साग और हलवा। जैसे ही चेल्सी ने खाने का एक ग्रास मुंह में खाया कहने लगी छि… छि…, यह भी कोई खाना है, मैं मर जाऊंगी पर ऐसा खाना कभी नहीं खाऊंगी। चेल्सी, कृष्णा से कहने लगी की ये तुम कहाँ ले आये मुझे, मुझे तो इस गाँव में एक पल भी नहीं रहना और तुम्हारी माँ को ना तो रहने का तरीक़ा है ना ही पहनने का, गंवार कही की, अपंग और न जाने क्या क्या।
कृष्णा ने चेल्सी को तपाक से चाटा मार दिया और कहने लगा- “क्या जानती हो तुम मेरी माँ के बारे में?” आज जो मैं तुम्हारे साथ इंजीनियर के पद पर खड़ा हूँ, वह सब मेरी माँ की ही बदौलत हैं अगर मेरी माँ ने कड़ी मेहनत और संघर्ष नहीं किया होता तो मैं भी तुम्हारे साथ आज यहाँ खड़ा नहीं होता…
और सारी बीती बाते चेल्सी को बताने लगा, चेल्सी ने सारी बाते सुनी और रोते हुए अपनी सासु माँ से माफी माँगी और सुशीला ने चेल्सी को माफ़ कर दिया और चेल्सी को ढेर सारी खुशियाँ दी। चेल्सी के माँ नहीं थी, सुशीला ने चेल्सी को कभी माँ की कमी महसूस नहीं होने दी थी। अब चेल्सी सुशीला के बिना एक पल भी नहीं रह सकती थी।
लक्ष्मी जैन
सवाई माधोपुर (राजस्थान)
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