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प्रधानमंत्री ने गुजरात रोजगार मेला (Gujarat Employment Fair) को सम्बोधित किया
- गुजरात का एक वर्ष में ३५ हज़ार पदों को भरने का लक्ष्य
- केंद्र सरकार १० लाख नौकरियाँ देने पर काम कर रही है
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो संदेश के माध्यम से गुजरात रोजगार मेला (Gujarat Employment Fair) को सम्बोधित किया। आइये जानते हैं कि उन्होंने अपने संबोधन में क्या-क्या कहा…
प्रधानमंत्री ने हजारों युवा उम्मीदवारों को बधाई दी, जिन्हें विभिन्न ग्रेडों में विभिन्न पदों पर नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री ने स्मरण किया कि धनतेरस के शुभ दिवस पर उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर रोजगार मेले का शुभारंभ किया जहाँ उन्होंने ७५, ००० उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। प्रधानमंत्री ने धनतेरस दिवस पर कहा था कि विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इसी तरह के रोजगार मेलों का आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि गुजरात तेजी से आगे बढ़ा है और आज गुजरात पंचायत सेवा बोर्ड से ५००० उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र मिल रहे हैं, ८००० उम्मीदवारों को गुजरात सब इंस्पेक्टर भर्ती बोर्ड और लोकरक्षक भर्ती बोर्ड से नियुक्ति पत्र मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस मामले में शीघ्र प्रतिक्रिया के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री और उनकी टीम की सराहना की। प्रधानमंत्री ने बताया कि हाल के दिनों में गुजरात में १० हज़ार युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए और अगले एक वर्ष में ३५ हज़ार पदों को भरने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रधानमंत्री ने गुजरात में रोजगार और स्वरोजगार के कई अवसरों के सर्जन का श्रेय राज्य की नई औद्योगिक नीति को दिया। उन्होंने ओजस जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म और वर्ग ३ एवं ४ पदों में साक्षात्कार प्रक्रिया को समाप्त करने की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ‘अनुबंधम’ मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल के माध्यम से राज्य में रोजगार के इच्छुक एवं नियोक्ता को जोड़कर रोजगार को सुगम बनाया जा रहा है। इसी तरह, गुजरात लोक सेवा आयोग के तेजी से भर्ती के मॉडल की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले महीनों में इस प्रकार के रोजगार मेलों का आयोजन राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर होता रहेगा। जहाँ केंद्र सरकार १० लाख नौकरियाँ देने पर काम कर रही है, वहीं राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भी इस अभियान से जुड़ रहे हैं, इससे रोजगार की संख्या में काफ़ी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि यह अंतिम छोर तक वितरण और सरकारी योजनाओं के कवरेज की व्यापकता जैसे अभियानों को बेहद मज़बूत बनाएगा।
२०४७ तक भारत के विकसित राष्ट्र के दर्जे की ओर बढ़ने में इन युवाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने उन्हें समाज और देश के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने उनसे शिक्षण और कौशल में प्रवीण होने के लिए निरंतर प्रयास जारी रखने व रोजगार तलाशने के मामले में मिली सफलता को ही अंतिम उपलब्धि के तौर पर न स्वीकारने को कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि निरंतर सकारात्मक प्रयास आपके लिए कई नए मार्ग खोलता है। समर्पण के साथ अपना कार्य करने से आपको असीम संतुष्टि मिलेगी और विकास एवं प्रगति के द्वार भी खुलेंगे।
गुजरात रोजगार मेले में प्रधानमंत्री के वीडियो संदेश का हिन्दी अनुवाद
नमस्ते!
सामने लाभ पंचमी हो और गुजरात के युवाओं के लिए रोजगार मेले का इतना बड़ा आयोजन हो, जैसे सोने में सुगंध मिल गई हो, आज गुजरात के हजारों बेटे-बेटियों को एक साथ राज्य सरकार के अलग-अलग विभाग में संवर्गों में नियुक्त पत्र और सिलेक्शन पत्र, पसंदगी पत्र का वितरण हो रहा है। में आप सभी नौजवानों को, बेटे-बेटियों को इस क्षण अनेक-अनेक शुभकामनाएँ देता हूँं।
धनतेरस के दिन जब मैंने दिल्ली से राष्ट्रीय स्तर पर रोजगार मेले की शुरुआत की थी तब मैंने कहा था कि भारत सरकार तो यह आयोजन कर रही है, लेकिन भारत सरकार के आयोजन के बारे में जान कर और दूसरे राज्य सरकार भी मैदान में आई हैं और मुझे आनंद है कि गुजरात इस में भी अपनी परंपरा निभाकर सबसे आगे इस कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है, तो भारत सरकार के इस कार्यक्रम में जिस तरह हुआ, उससे बढ़ चढ़ के उत्साह से गुजरात जैसा राज्य भी इस कार्य को अपने सर पर ले तो गुजरात अभिनंदन का अधिकारी है।
मुझे कहा गया है कि गुजरात सेवा की पंचायत पसंदगी बोर्ड में ५००० से ज़्यादा मित्रो को आज नियुक्ति पत्र मिल रहा है। इसी तरह गुजरात में पुलिस सब इंस्पेक्टर, यह जो भर्ती बोर्ड है, उस में लोक रक्षक की भर्ती है, उसमें भी लगभग ८००० से भी ज़्यादा उम्मीदवारों को आज अपॉइंटमेंट लेटर मिलने वाले है। मैं भूपेन्द्रभाई और उनकी सरकार को यह त्वरित क़दम के लिए और इतने बड़े विशाल कार्यक्रम के लिए बहुत अभिनंदन करता हुँ और इतना ही नहीं, मुझे तो यह भी सुनने में आया की अभी कुछ दिन पहले ही अलग-अलग दूसरी भर्तीयों द्वारा १० हज़ार युवाओं को पहले से ही नियुक्ति पत्र दे दिए गए है, इसका मतलब हुआ की उन्होंने जो ३५ हज़ार भर्ती करने का लक्ष्य रखा है, उसमें से बड़ी छलांग तो लगा ली।
साथियों,
गुजरात आज जो विकास की ऊँचाई पर आगे बढ रहा है और उसमें भी जो गुजरात भुपेन्द्रभाई के नेतृत्व में नई औद्योगिक नीति लेकर के आया है, उसका जिस तरह स्वागत हुआ है, मुझे जिस तरह देशभर के अलग-अलग क्षेत्रों से इस प्रकार के साहसिक मिलते है, जो गुजरात की औद्योगिक नीति की इतनी बड़ी प्रशंसा करते हैं और उसमें एक बात बहुत आगे आ रही है कि औद्योगिक नीति के कारण उद्योग तो आएँगे ही, देश-विदेश से आएंगे लेकिन सबसे बड़ी बात है रोजगार के अवसर और बिलकुल अलग-अलग रोजगार के क्षेत्र खुल रहे हैं।
इतना ही नहीं इसके कारण स्वरोजगार के लिए भी बहुत बड़ा मैदान मिलने वाला है और गुजरात सरकार ने टेक्नोलॉजी के माध्यम से ओजस जैसे जो डिजीटल प्लेटफार्म तैयार किया है, तीसरे और चौथे वर्ग के पद के लिए, इंटरव्यू की प्रथा समाप्त हो गई, भर्ती प्रक्रिया बिल्कुल सरल हो गई और बिल्कुल पारदर्शी हो गई। रोजगार को बढ़ाने की दिशा में गुजरात सरकार ने जो अनुबंधम मोबाइल ऐप और वेबपोर्टल का भी विकास किया है, इसका मतलब यह हुआ कि ट्रान्सपरन्सी भी और सरल एक्सेस भी, यह व्यवस्था भी गुजरात के युवाओं के लिए बड़ा अवसर बन गई है और उसके द्वारा रोजगार ढूँढने वाले भी और जिसको नव युवाओं की ज़रूरत है, नए-नए स्किल की ज़रूरत है, दोनों तरफ़ प्रक्रिया तेज हो गई है। प्राप्त करने वाले और देने वाले दोनों के लिए एक प्लेटफार्म बन गया है।
गुजरात लोक सेवा आयोग, उसने जो सुनियोजन से और तत्काल भर्ती प्रक्रिया का जो मॉडल खड़ा किया है, मैं शत प्रतिशत मानता हूँ कि राष्ट्रीय स्तर पर भी इस मॉडल का सभी राज्य अभ्यास करेंगे और ज़रूर इसमें से अपनी आवश्यकता अनुसार कम ज़्यादा करके देश के लिए बहुत अच्छी व्यवस्था खड़ी कर सकते हैं और इस बात के लिए भी में गुजरात सरकार और भूपेंद्र भाई की पूरी टीम की जितनी भी सराहना करूं वह कम है।
साथियों,
आने वाले दिनों में पूरे देश में राष्ट्रीय स्तर पर और राज्य भी जब इसके भागीदार बन गए हैं तब, जैसे भारत सरकार ने एक रोजगार मेले की शुरुआत की, आज गुजरात थोड़े ही दिनों में जुड़ गया, मेरे पास तो सुचना है कि लगभग सभी राज्य आगे आ रहे है। केन्द्रशासित अपने यूनियन टेरिटरी भी आ रहे है। भारत सरकार ने १ साल में १० लाख लोगों का लक्ष्यांक तय किया है। लेकिन जिस तरह राज्य जुड़ रहे हैं, मुझे लगता है कि आंकड़ा लाखों से आगे बढ़ रहा है। इसका मतलब यह हुआ कि केन्द्र और राज्य सरकार मिल करके ऐसी पीढ़ी को आज शासन में जोड़ रहे हैं, जिसके कारण भारत सरकार का जो लक्ष्य है वह शत प्रतिशत अमलीकरण–सेचुरेशन लाने का, लास्ट माइल डिलीवरी को मदद करने का है।
यह जो नया वर्क फोर्स आयेगा, ये जो नव युवा बेटे-बेटियाँ उत्साह उमंग से आएंगे, इस कार्य को बहुत गति मिल जाएगी और में आशा करता हूँ कि यह नए रोजगार पाने वाले, अपने नव युवा, नए बेटे-बेटियाँ, एक कमिटमेंट के साथ समाज के लिए कुछ करना है, अपने राज्य के लिए, अपने गाँव के लिए, अपने क्षेत्र के लिए, उसके कई गुना उत्साह, उमंग और कमिटमेंट के साथ सरकार की पूरी व्यवस्था में नए प्राण शक्ति बन जाएँगी और सबसे महत्त्वपूर्ण बात मित्रो आज भारत अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है। ७५ वर्ष पूर्ण किए हैं, २०४७ में जब भारत की आजादी के १०० साल पूर्ण होंगे हमें अपने देश को २५ साल में इतना ज़्यादा आगे ले जाना है, इतना आगे ले जाना है और मज़ा यह है कि आप का भी यही अमृत काल है जीवन का। आने वाले २५ साल आपके व्यक्तिगत जीवन में जैसे महत्त्वपूर्ण है आपके सपने, आपके संकल्प, आपकी ऊर्जा, आपकी महत्त्वाकांक्षा, यह सब भारत को २०४७ में इतनी बड़ी ऊँचाई पर ले जाएगा की जिसके सबसे बड़े भागीदार भी आप होंगे और हक्कदार भी आप ही होंगे।
कितना स्वर्णिम अवसर आया है और इससे इस शुभ अवसर पर में सभी नव युवाओं को, उनको जीवन में जो यह मौका मिला है, लेकिन इस मौके में अटकना नहीं दोस्तों, अब तो ओनलाईन कई कोर्स चलते है, निरंतर विकास करते रहना, कहीं भी रुकना नहीं, आगे बढ़ना है यानी बढ़ना है और मैंने तो ऐसे कई लोग देखे हैं कि कहाँ नौकरी में कॉलेज के अंदर पटावाले की नौकरी से शुरुआत की हो और वहीं रहकर पढ़ते-पढ़ते, वहीं कॉलेज में प्रोफेसर बने हो, प्रगति को कहीं रुकने मत देना। नया-नया सीखना चाहिए, अंदर के विद्यार्थी को हमेशा ज़िंदा रखना चाहिए।
आप सरकार की व्यवस्था में प्रवेश कर रहे हैं, लेकिन जीवन के सपनों के संकल्पों के लिए आपके लिए यह दरवाज़ा है, बहुत आगे बढ़ना है और हमें ही आगे बढ़ना है इतना नहीं, हमें सभी को आगे बढ़ाना है। पिछड़े से पिछड़े मनुष्य के सुख के लिए हम मेहनत करते हैं न, तो जीवन का संतोष मिलता है, हमें जो कार्य मिला है उस कार्य को लगन से करते है न, उसका जो आनंद है, वह प्रगति के द्वार खोल देता है और मुझे विश्वास है कि हमारे गुजरात के बेटे-बेटियाँ आने वाले २५ साल भारत का अमृत काल विश्व के कल्याण का अमृत काल है और उसके आप सारथी बन रहे हैं। कितना शुभ संयोग है, कितना बडा उत्तम अवसर है, आपको बहुत शुभकामनाएँ! जितनी शुभकामनाएँ दूँं उतनी कम है! बहुत आगे बढ़ो, अपने माता-पिता के सपनों को पूरा करो!
धन्यवाद साथियों!
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