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प्रधानमंत्री ने भारत के सबसे बड़े ड्रोन महोत्सव (Drone Mahotsav)-भारत ड्रोन महोत्सव २०२२ का उद्घाटन किया
- “८ वर्ष पहले यही वह समय था, जब हमने न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन के रास्ते पर चलते हुए भारत में सुशासन के नए मंत्रों को लागू करने की शुरुआत की थी”
- “टेक्नोलॉजी ने अंतिम छोर तक डिलीवरी को सुनिश्चित करने में, सैचुरेशन के विजन को आगे बढ़ाने में बहुत मदद की है”
- “हमने देश को नई ताकत, गति और ऊंचाई प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी को एक महत्त्वपूर्ण उपकरण बनाया है”
- “आज हम टेक्नोलॉजी को सबसे पहले आम लोगों को उपलब्ध करा रहे हैं”
- “तकनीक जब जन-जन तक जाती है तो उसके उपयोग की संभावनाएँ भी उसी के अनुसार बढ़ जाती हैं”
- “ड्रोन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना सुशासन और जीवन को आसान बनाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने का एक और माध्यम है”
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज भारत के सबसे बड़े ड्रोन महोत्सव (Drone Mahotsav)-भारत ड्रोन महोत्सव २०२२ का उद्घाटन किया। उन्होंने किसान ड्रोन पायलटों के साथ भी बातचीत की, खुले में ड्रोन प्रदर्शन देखे और ड्रोन प्रदर्शनी केंद्र में स्टार्टअप्स करने वालों के साथ बातचीत की। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर, श्री गिरिराज सिंह, श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, श्री अश्विनी वैष्णव, श्री मनसुख मांडविया, श्री भूपेंद्र यादव, कई राज्य मंत्री और नेतागण के साथ-साथ ड्रोन उद्योग से जुड़े उद्यमी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने १५० ड्रोन पायलट सर्टिफिकेट भी दिए।
सभा को सम्बोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने ड्रोन क्षेत्र में अपने आकर्षण और रुचि से अवगत कराते हुए कहा कि वे ड्रोन प्रदर्शनी और उद्यमियों की भावना व क्षेत्र में नवाचार से बहुत प्रभावित थे। प्रधानमंत्री ने किसानों और युवा इंजीनियरों के साथ अपनी बातचीत के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि ड्रोन टेक्नॉलॉजी को लेकर भारत में जो उत्साह देखने को मिल रहा है, वह अद्भुत है। ये जो ऊर्जा नज़र आ रही है, वह भारत में ड्रोन सर्विस और ड्रोन आधारित इंडस्ट्री की लंबी छलांग का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा, “ये भारत में एंप्लॉयमेंट जेनरेशन के एक उभरते हुए बड़े सेक्टर की संभावनाएँ दिखाती है।”
ठीक ८ साल पहले की नई शुरुआत को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “८ वर्ष पहले यही वह समय था, जब भारत में हमने सुशासन के नए मंत्रों को लागू करने की शुरुआत की थी। मिनिमम गवर्मेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस के रास्ते पर चलते हुए, इज ऑफ लिविंग, इज ऑफ डूइंग बिजनेस को हमने प्राथमिकता बनाया।” हमने सबका साथ, सबका विकास के पथ पर आगे बढ़ते हुए देश के हर नागरिक को सुविधाओं और कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों के समय टेक्नॉलॉजी को प्रॉब्लम का हिस्सा समझा गया, उसको एंटी-पुअर साबित करने की कोशिशें हुईं। इस कारण २०१४ से पहले गवर्नेंस में टेक्नोलॉजी के उपयोग को लेकर उदासीनता का वातावरण रहा। तकनीक शासन के मिज़ाज का हिस्सा नहीं बन पाई। इसका सबसे अधिक नुक़सान गरीब को हुआ, वंचित को हुआ, मिडिल क्लास को हुआ। उन्होंने बुनियादी सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए जटिल प्रक्रियाओं को भी याद किया जिससे अभाव और भय की भावना पैदा हुई। उन्होंने कहा कि प्रगति तभी संभव है जब हम समय के साथ बदलें। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी ने अंतिम छोर तक डिलीवरी को सुनिश्चित करने में, सैचुरेशन के विजन को आगे बढ़ाने में बहुत मदद की है। उन्होंने कहा और मैं जानता हूँ कि हम इसी गति से आगे बढ़कर अंत्योदय के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले ८ वर्षों का अनुभव मेरे विश्वास को और मज़बूत करता है। श्री मोदी ने ज़ोर देते हुए कहा, “हमने देश को नई ताकत, गति और ऊंचाई प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी को एक महत्त्वपूर्ण उपकरण बनाया है।” प्रधानमंत्री ने बताया कि आज देश ने जो मजबूत, यूपीआई फ्रेमवर्क विकसित किया है, उसकी मदद से लाखों करोड़ रुपये गरीबों के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर हो रहे हैं। महिलाओं को, किसानों को, विद्यार्थियों को अब सीधे सरकार से मदद मिल रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी कैसे एक बड़ी क्रांति का आधार बन रही है, इसका एक उदाहरण पीएम स्वामित्व योजना भी है। इस योजना के तहत पहली बार देश के गांवों की हर प्रॉपर्टी की डिजिटल मैपिंग की जा रही है, डिजिटल प्रॉपर्टी कार्ड लोगों को दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “ड्रोन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना सुशासन और जीवन को आसान बनाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने का एक और माध्यम है। उन्होंने कहा कि ड्रोन के रूप में हमारे पास एक स्मार्ट टूल है जो आम लोगों के जीवन का हिस्सा बनने जा रहा है।”
प्रधानमंत्री ने रक्षा, आपदा प्रबंधन, कृषि, पर्यटन, फ़िल्म और मनोरंजन के क्षेत्र में ड्रोन प्रौद्योगिकी के महत्त्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इस तकनीक का इस्तेमाल बढ़ना तय है। प्रधानमंत्री ने प्रगति की समीक्षाओं और केदारनाथ परियोजनाओं के उदाहरणों के माध्यम से अपने आधिकारिक निर्णय लेने में ड्रोन के इस्तेमाल के बारे में भी बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ड्रोन तकनीक किसानों को सशक्त बनाने और उनके जीवन को आधुनिक बनाने में प्रमुख भूमिका निभाने जा रही है, क्योंकि जैसे-जैसे गांवों में सड़क, बिजली, ऑप्टिकल फाइबर और डिजिटल तकनीक का आगमन हो रहा है। इसके बावजूद भी, कृषि कार्य पुराने तरीकों से किए जा रहे हैं, जिससे परेशानी, कम उत्पादकता और अपव्यय हो रहा है। उन्होंने भू-अभिलेखों से लेकर बाढ़ और सूखा राहत तक की गतिविधियों के सम्बंध में राजस्व विभाग पर निरंतर निर्भरता के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि इन सभी मुद्दों से निपटने के लिए ड्रोन एक प्रभावी उपकरण के रूप में उभरा है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कृषि क्षेत्रों की मदद के लिए किए गए उपायों ने सुनिश्चित किया है कि प्रौद्योगिकी अब किसानों के लिए डराने वाली नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले के समय में टेक्नोलॉजी और उससे हुए इन्वेंशन, एलीट क्लास के लिए माने जाते थे। उन्होंने कहा कि आज हम टेक्नोलॉजी को सबसे पहले आम लोगों को उपलब्ध करा रहे हैं। कुछ महीने पहले तक ड्रोन पर बहुत सारे रिस्ट्रिक्शंस थे। हमने बहुत ही कम समय में अधिकतर रिस्ट्रिक्शंस को हटा दिया है। हम पीएलआई जैसी स्कीम्स के जरिए भारत में ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग का एक सशक्त इको-सिस्टम बनाने की तरफ़ भी बढ़ रहे हैं। अंत में प्रधानमंत्री ने कहा, “तकनीक जब जन-जन तक जाती है तो उसके उपयोग की संभावनाएँ भी उसी के अनुसार बढ़ जाती हैं।”
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