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घर में ही क़ैद
आज कोरोना (Corona) वायरस ने पूरे विश्व को अपने पंजे में जकड़ रखा है। मानव जीवन शैली उथल-पुथल हो गई है। कोरोना (Corona) वायरस से कोई भी व्यक्ति अछूता नहीं है। हम घर में ही क़ैद होकर रह गए है। दिलों की दूरियाँ और भी बढ़ गई है। लॉक डाउन के चलते कितनों ने अपनों को खोया और अपनों से मिलने कई किलोमीटर पैदल यात्रा की, इन सब के बावजूद हमें कोरोना (Corona) वायरस से डरना नहीं है, बल्कि उनसे बचाव का रास्ता अपनाना है। जहाँ कोरोना के चलते लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ गया, वही जो रोजी-रोटी वाले थे उनके खाने के लाले पड़ गए। रोजगार छूट गया, क्या करें भूख इंसान की पहली आवश्यकता है।
नकारात्मक उर्जा
अगर कोरोना (Corona) वायरस में इंसान घर-घर में ही क़ैद होकर रह जाए, किसी से मिले नहीं, तो वह चिड़चिड़ा हो जाता है, सिर में दर्द होने लगता है, वह चिल्लाने लगता है, उसे भूख नहीं लगती, उसे नींद नहीं आती, उसके व्यवहार में परिवर्तन दिखाई देता है, उसमें नकारात्मक उर्जा भर जाती है और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है लगता है, हमें स्वयं अपने मन में ही सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना होगा, तथा धैर्य से काम लेना होगा हमारा स्वास्थ्य न बिगड़े इसके लिए हमें ही सावधानी अपनाना होगा, अगर बहुत ज़रूरी हो तभी घर से बाहर आ जाएँ, यदि जा भी रहे हैैं, तो पूरी सावधानी से जाएँ।
सकारात्मक सोच
हाथों को सेनेटाइजर करें, मास्क लगाएँ और मोजे, ग्लब्स पहनकर ही घर से बाहर जाएँ और वापस आकर नहाएँ, कपड़ों को डिटाल पानी में डूबाकर धोएँ, बार-बार हाथ धोएँ तो काफ़ी हद तक हम कोरोना के संक्रमण से बच सकते हैं हमें सकारात्मक सोचना होगा और जो उसके अंदर गुण है, जैसे चित्रकला, संगीत, गाना आदि को अपनाना होगा और नकारात्मक खबरों पर हमें ध्यान नहीं देना है और यह सोचना है कि ऐसी स्थिति हमेशा रहने वाली नहीं है। एक दिन हम अवश्य अपने देश दुनिया से कोरोना को दूर भगाएंगे और उस पर विजय पाएंगे।
श्रीमती शोभा रानी तिवारी
६१९अक्षत अपार्टमेंट खातीवाला टैंक इन्दौर म.प्र.
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