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पिता (Father)
पिता (Father) सुखमय जीवन का आधार है
पिता (Father) है तो अपना सारा बाज़ार है।
पिता (Father) मम्मी की मांग का सिंदूर है,
पिता है तो घर एक मंदिर है
माता के बिना पिता अधूरी एक दिशा है
पिता के बिना माता का कोई दिशा नहीं।
पिता सुखमय जीवन का आधार है
पिता है तो अपना सारा बाज़ार है।
पिता के मार्ग दर्शक के रूप में भगवान है,
पिता के बिना घर का लक्ष्य अधूरा है।
पिता का कर्ज़ उतारने का कभी सोचना भी मत,
कर्ज़ का हिसाब ख़ुद पिता बनके पता करना।
पिता सुखमय जीवन का आधार है
पिता है तो अपना सारा बाज़ार है।
धीरे धीरे चलते जा
धीरे धीरे चलते जा ओ राहगीर,
रास्ता वही है पर लोग बदल रहे हैं।
अपना लक्ष्य साथ लेते चल मेरे यार
समय वही है बस लोग बदल रहे हैं।
किसी पर भरोसा नहीं करना मेरे यार,
भरोसा वही है भरोसे वाले बदल रहे हैं।
धीरे धीरे चलते जा ओ राहगीर,
रास्ता वही है पर लोग बदल रहे हैं।
रास्ते पर अकेला ओ मेरे सोना बाबू,
लालू सोना बाबू जानू कहने वाले लोग बदल रहे हैं।
कभी कभी ऐसा लगता है
कभी कभी ऐसा लगता है कि मैं मर चूका हूँ,
देखते-देखते ही जमाना ही इतना बदल चुका है।
माता पिता की सेवा में दिन रात पैरों पर खड़े रहते थे,
आज मात पिता की पुकार पर घुटन-सी महसूस होती है।
न जाने वह जमाना कब वापिस आयेगा,
जब मात पिता मैं बच्चे भगवान की मूर्ति स्थापित करेंगे।
कभी कभी ऐसा लगता है कि मैं मर चूका हूँ,
देखते-देखते ही जमाना ही इतना बदल चुका है।
लोग प्यार में
लोग प्यार में इतना पागल क्यो हो गए हैं,
अपनों के अपनत्व को ही क्यो भूल गए हैं।
समय ही खराब करना है तो अपनों के लिए करो,
बाहर की बहारों में क्यो व्यस्त होते जा रहे हो।
जमाना बदल चुका है भाई लवर दो दिन में छोड़ देगा,
अब भी तुम अपनों का हाथ क्यो नहीं थामते।
कामयाबी की और नया क़दम रखो मेरे भाई,
अपनों को कोटि-कोटि नमन करो शीश झुकाते चलो।
बाहर की दुनिया को भूल जाओ मेरी जान,
बदलाव में अपनत्व को मत भूल भला तुम ऐसा क्यो नहीं करते।
हीरालाल गर्ग (लव गर्ग)
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