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नववर्ष हमारा कब होगा
नववर्ष हमारा कब होगा
चैत्रमास प्रतिपदा शुक्ल, नववर्ष हमारा आयेगा।
भगवती आगमन भूतल पर, उन्नति से जग हरषायेगा।
सम होंगे शीत उष्ण मौसम, खिल जायेगी नवरंग धरा-
जब रामजन्म का हर्षवेग, मानस ये सोहर गायेगा।
पूर्ण प्रतीक्षा होयेगी जब, सुर नर मुनि की अभिलाषा।
फसलें ले करके आयेंगी, कृषकों के मन में नव आशा।
जब नभ से चाँद सितारे सूरज, निर्बाधित गति झाँकेंगे-
नव वर्ष हमारा तब होगा, नूतन छवि की नव परिभाषा।
हे राम
हे राम पूरणकाम तेरा नाम ही तारण तरण।
जीते अजित संग्राम सुख के धाम दारुण दुख क्षरण।
भव व्याधि काटो स्नेह बाँटो रघुनन्द रघुकुल के तिलक-
एक सुमिरन से प्रभो होती व्यथा सारी हरण।
हे धनुर्धारी द्वेषहारी तापहारी सुखकरण।
करते प्रभो सन्तान का अतिप्रेम से पोषण भरण।
मानस बसो सीतासहित मनुवंश के मार्तण्य तुम-
अन्तस बसे तव चरित पावन यशकथा का उद्वहरण।
डॉ. मीना कौशल ‘प्रियदर्शिनी’
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