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नया साल नया दौर
नया साल नया दौर
जीवन के रंग में खुशियों के संग में,
सुबह की लाली घटा शाम की तन्हाई में,
हरे भरे पेड़ों पर चिड़िया चहकती रहे,
खेत खलिहानों में फ़सल लहलहाती रहे,
नई रोशनी में नये जीवन की शुरुआत हो,
सबको जीने की नई दिशा, नया राह मिले,
गाँव में खुशियों की नयी सौगात हो,
सबको अपनी अभिव्यक्तियों का नया संसार मिले,
मन मस्तिष्क में नये दुनिया की स्वागत की आशायें हो,
जीवन में नये उद्देश्यों का लौ जले,
प्रेम की ज्योति जले खुश्बुओं की महक उठे,
विज्ञान, तकनीकी, साहित्य की ज्वाला और जले,
दुनिया में लोक कलाओं का चहुंदिश विकास हो,
सभ्यता और संस्कृति को नया आयाम मिले,
दुनिया में आपस में भाईचारे का सम्बंध हो,
ना झगड़ा ना झंझठ का वास हो,
पग-पग में दिल और प्यार का मिलन हो,
जाति धर्म को मिटाकर सबकी धड़कनो की आवाज़ बनो,
ऐसा नया हो नये साल की शुरुआत हो,
नये साल में नये दौर की जज़्बात हो!
वक्त
आज आपके पास वक़्त नहीं हैं,
मुझसे बात करने के लिए,
आज आपके पास समय नहीं हैँ,
मुझसे बात करने के लिए,
एक दिन ऐसा आयेगा,
जब तुमको सारी दुनिया छोङ देगी,
तुम्हारे पास,
उस समय वक़्त भी होगा,
तुम्हारे पास समय भी होगा,
मुझसे मिलने के लिए,
मुझसे बात करने के लिए,
लेकिन उस वक़्त,
शायद,
मेरे पास समय नहीं होगा,
या शायद मैं ना रहूंगा,
इस दुनिया में,
उस वक़्त या उस समय,
आपसे बात करने के लिए!
झंडा हम फहराएंगे
भारत के आजादी पर्व को,
मिल-जुलकर हम मनाएंगे,
देश के अमर शहीदों के हम,
जण गण मन दोहराएंगे,
देश के खातिर हम सब अपना,
लहू दान कर जाएँगे,
देश के वीर शहीदों पर हम,
इतिहास नया बनवाएँगे,
आजादी के दीवाने हम हैं,
बस आजादी लाएंगे,
माँ भारती के आँचल की हम,
लाज हमेशा बचायेंगे,
केसरी माथे पर बाँधा,
हरे से उपवन है साजा,
सफेदी दिल में बसा कर हम,
इस तिरंगे को आसमां तक पहुँचाएगे,
तिरंगे के तीन रंगों का,
अस्तित्व कभी न मिटने देंगे,
बल, शांति और हरियाली,
मतलब अब समझाएँगे,
देश के गद्दारों को,
मिट्टी में हम मिला देंगे,
जान जाए तो जाए पर,
दुश्मन के आगे शीश नहीं झुकने देंगे,
भगत, सुभाष, चन्द्रशेखर,
महात्मा, गोखले, उधम,
राजेन्द्र, मंगल, लक्ष्मीबाई,
के सपनों को सच कर जाएँगे,
स्वतंत्रता का झंडा हम,
शान से युगों-युगों तक लहराएंगे,
विजयी भारत विश्व विजेता,
फिर से हम कहलायेंगे!
स्वतंत्रता की शान है तिरंगा
स्वतंत्रता की शान है तिरंगा,
जीवन का अभिमान तिरंगा,
विश्व पटल पर मान तिरंगा,
भारत माँ की लाज तिरंगा,
जीवन की अभिलाषाओं का,
मन-मस्तिष्क का एहसास तिरंगा,
बलिदानों की याद तिरंगा,
शहीदों का सम्मान तिरंगा,
जीवन में नये-नये रंग लाता,
जोश-जुनून से जी भर जाता,
भावनाओं का नमन है तिरंगा,
राष्ट्र रत्नों का प्रतिमान तिरंगा,
हिमालय की आन तिरंगा,
महासागर की लहर है तिरंगा,
बहनों की रक्षा करता तिरंगा,
राखियों की लाज रखता तिरंगा,
प्रतिमानों की विजय घोष तिरंगा,
गीता और कुरान का मान तिरंगा,
हिंदू मुस्लिम एकता की शान तिरंगा,
स्वतंत्रता का विजयीमान तिरंगा।
सिर्फ़ लाल
मेरी माँ ने एक बार कहा था,
बेटे जहा गणतंत्र का झंडा,
फहराया जाये,
२६ जनवरी को,
वहा! उस जश्न में मत जाना,
उस झंडे के नीचे मत जाना,
ये सफेदपोश,
उस झण्डे को दागदार कर दिये है,
हर साल इसकी छाया में,
इसके साथ बलात्कार करते है,
जर्जर बना दिये है इसे,
अब टूटने ही वाली है-यह आजादी!
सुनो बेटे! यह सुनो बेटे! सुनो-
यह गीत किसी कवि का है-
” बाहर न जाओ पिया,
यह हिंदुस्तान हमारा,
रहने को घर नहीं है,
सारा जहाँ हमारा है” ,
रेडियो पर सुनते ही यह गीत,
मै ठठा कर हंसा था,
और माँ से क़सम लिया था-
जब तक मैं मुखौटे नोचकर,
इनका असली रूप तुम्हारे सामने,
नही रखूँगा,
लानत होगी मेरी जवानी की,
धिक्कार होगा मेरे खून का,
इस झंडे को,
अब बिल्कुल लाल करना होगा माँ,
तुम मुझमे साहस भरो,
लाल क्रांति का आह्वान दे रही है माँ,
ताकि तिरंगे के नीचे कोई रंग न हो,
कोई रंगरेलियाँ न हो,
इसे एक रंग में रंगना होगा,
एक रंग में सिर्फ़ लाल,
सिर्फ लाल माँ!
सिर्फ लाल _ _ _
आये वतन पर खतरा
आये वतन पर ख़तरा वह जान भी लगा दो,
ये मुल्क के जवानो जंग का ज़ूनून भर लो,
इसी जंग के कोने में कही जन्नत नज़र आयेगी,
जंग आ ही जाये सर पर तो ज़ुल्म भी तू कर ले,
आजाद मुल्क है तो आजाद हम रहेंगे,
कुर्बानियों के खातिर, कफन का ताज धर लो,
ये ज़मी तुम्हारा, ये आंसमा तुम्हारा,
अपनी आबरू के खातिर, अरमान दिल में भर लो,
रश्के जीना वतन है, अपना इस ज़हाँ में,
पांसवा है हर जवा, गुलिस्तान दिल में भर लो,
है नहीं जहाँ में कोई भी अपना मरहम,
दर्दनिया के दिल में रखकर उड़ान भर लो,
मजहब की बात छोड़ो, हम साया है अपना,
गुलशन में बहुत फूल है सब फूलों से प्यार कर लो!
आजादी का झंडा
आजादी के झंडे को हम,
आत्मविश्वास से फहराएंगे,
जीवन की उपलब्धियों को हम,
देश के नाम कराएंगे,
संविधान के अनुच्छेदों को,
शब्द-शब्द हम देश के काम आएंगे,
आजादी के लहू को हम,
जीवन भर याद रखेंगे,
२६ जनवरी को शपथ ग्रहण कर,
सविधान की लाज बचायेंगे,
आजादी के वीर सपूतों को हम,
जिंदगी भर यादों में समेट कर रखेंगे,
अंग्रेजों के काले कारनामे,
कभी ना हम भूल पायेंगे,
जीवन भर की लालसाएँ,
भारत माँ के चरणों में लौटाएंगे,
माँ भारती को सोने की चिड़ियाँ,
फिर से हम बनायेंगे,
आतताइयों की बदसूरती से,
सदा भारत माँ को बचाएंगे,
लाल किले पर गणतंत्र का,
झंडा हम फहराएंगे,
अपने आजाद भारत का हम,
संविधान कभी ना भूल पायेंगे,
विश्व का सबसे बड़ा लिखित सविधान का,
गौरव हम हमेशा बढ़ाएंगे,
४४८ अनुच्छेद, १२ अनुसुचियाँ, २५ भाग को,
और ५ परिशिष्ठ को
हमेशा जीवन में अपनाएँ,
हम अपने भारतीय संविधान को,
दुनिया में श्रेष्ठ बनाएंगे,
२४८ सदस्यों की महान पोथी में वर्णित
विश्व के श्रेष्ठ नियमों को अपनाएँ,
मेरा अपना भारतीय संविधान,
२ साल ११ महीने १८ दिन में,
बनके जो तैयार हुआ है,
उसकी हम लाज बचायेंगे,
भारत के वीर शहीदों का,
खून से लथपथ धरती माँ का,
गाँधी, भगत, सुभाष, चंद्रशेखर का,
जीवनचरित्र ना भूल पायेंगे,
आजादी के दीवानों में,
लाल, पाल, बाल से लेकर,
उधम सिंह, राजेन्द्र, पटेल, शास्त्री का,
हमारा नाम ऊंचाइयों पर ले जायेंगे,
वीर शिवाजी, लक्ष्मीबाई, सावरकर, वीर कुंवर,
का नाम कभी ना,
मिटने देंगे और ना मिटायेंगे,
आजादी के पावन अवसर का,
धर्म, कर्म, सिद्धांतो से,
अपने सविधान को,
पूरे विश्व में हमेशा,
सर्वश्रेष्ठ बनायेंगे!
रुपेश कुमार
पिता-श्री भीष्म प्रसाद
माता-बिंदा देवी
जन्म-१० / ०५ / १९९१
शिक्षा-स्नाकोतर भौतिकी, बी.एड (फिजिकल सांइस) , ए.डी.सी.ए (कम्प्यूटर) , इसाई धर्म (डिप्लोमा)
वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी!
प्रकाशित पुस्तक ~
“मेरी क़लम रो रही हैं” (ईबूक कविता संग्रह) , मेरा भी आसमान नीला होगा, मैं सड़क का खिलाड़ी हूँ, कैसे बताऊँ तुझे।
आठ साझा संग्रह, एक अंग्रेज़ी में!
विभिन्न राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में सैकड़ों से अधिक रचनायें एवं वैज्ञानिक पत्रिकाओं में लेख, पत्र प्रकाशित!
राष्ट्रीय साहित्यिक संस्थानों से सैंकड़ो से अधिक सम्मान प्राप्त!
शौक ~ वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखना, विज्ञान एवं साहित्य की किताबें पढ़ना, मोटीवेशन करना!
रूचि ~ साहित्य को विज्ञान की दृष्टिकोण से लिखना, सभी विषयों में परिपूर्ण बनना!
सदस्य ~ भारतीय ज्ञानपीठ (आजीवन सदस्य)
पता ~
पुरानी बजार चैनपुर
पोस्ट-चैनपुर, थाना-सिसवन
ज़िला-सीवान, पिन-८४१२०३ (बिहार)
मो० ~ ९००६९६१३५४
E-mail ~ rupeshkumar००००९१@mail. com
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