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साहित्य मित्र समूह में गणतंत्र दिवस पर बही काव्य सरिता
साँचोर : राष्ट्र के ७३वें गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर साहित्य मित्र डिजिटल समूह सांचौर, जालौर (राजस्थान) द्वारा गूगल मिट पर भव्य और शानदार काव्य गोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें राष्ट्र के विभिन्न अंचलों से ख्यातनाम कवि कवियित्रियों ने अपनी सुरमयी ताल ओजस्वी वाणी से समां बाँधा। कार्यक्रम का उम्दा संचालन उत्तराखण्ड की धरा से गायिका संजना जोशी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का आरम्भ भारतीय संविधान की प्रस्तावना के संग हुआ। इस पावन अवसर पर गूगल मिट पर समूह के संस्थापक महोदय अरविन्द कालमा भादरूणा, साँचोर (राजस्थान) , समूह संरक्षक कृष्ण पाल ‘मेघ’ जोड़वास, रानीवाड़ा (राजस्थान) एवं समूह अध्यक्ष प्रकाश भारतीय ‘मस्त’ अरणाय (साँचोर) उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति सांचौर के जाखल गाँव के उभरते हुए कलमकार मास्टर भूताराम जाखल ने संविधान की महिमा के साथ-साथ गणतंत्र पर अपनी काव्य प्रस्तुति से प्रकाश डाला। इसके पश्चात नागौर से कविवर नरेश नालिया ‘राज’ ने अपनी काव्य प्रस्तुति से गणतंत्र की हालात पर अपनी मार्मिक प्रस्तुति दी। अलवर से अर्चना सिंह बौद्ध ने भारतीय संविधान के ख़ास निर्माता बाबा साहेब पर एक गीत की प्रस्तुति दी। दिल्ली से कविवर पवन गोयल ने ओजस्वी वाणी से गणतंत्र पर प्रकाश डाला। दिल्ली से ही प्रोफेसर डॉ. राजकुमारी जी द्वारा गणतंत्र दिवस की वर्तमान हालात पर अपनी मार्मिकता संग बेजोड़ काव्य प्रस्तुति दी।
गाजियाबाद से कवियित्री इंदु रवि जी अपनी रचना प्रस्तुत की। पवन कुमार रवि औरंगाबाद (बिहार) ने अपनी अति ओजस्वी वाणी से अपनी प्रस्तुति दी। सत्या पाल सिद्धार्थ नई दिल्ली ने संविधान पर अपनी प्रस्तुति दी। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से कुमार अतुल राव ने बेहतरीन प्रस्तुति से सभी का ध्यान आकर्षित किया। दाना राम जी ने लयात्मक गीत कविताओं के जरिए कार्यक्रम में चार चांद लगाए। बाबू लाल पारेंगी जाखल, सांचौर ने भी भारत को भव्य बनाने हेतु प्रेरित करती हुई बेहतरीन प्रस्तुति दी। विनोद कुमार फतेहपुर ने भारतीय संविधान पर अपनी अनोखी काव्य प्रस्तुति दी। दयाराम धोरावत आमली सांचौर ने राजस्थानी भाषा में राष्ट्र ध्वज की महिमा की प्रस्तुति दी।
साथ ही देश के कई प्रांतों से श्रोतागण उपस्थित रहे जिन्होंने सभी प्रतिभागियों का हौसला अफजाई किया। अंत में दिल्ली से असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राजकुमारी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया और संस्थापक ने सफल आयोजन के लिये सभी का आभार व्यक्त किया। सभी सम्मानित साहित्यकारों को समूह द्वारा डिजिटल सम्मान पत्र से सम्मानित किया जायेगा।
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