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विज्ञान से भी परे भारत की 10 रहस्यमय घटनाएं (10 mysterious incidents of India beyond science)
भारत की धरती रहस्यमय घटनाओं से भरी पड़ी है… तो आज हम कुछ ऐसी ही भारत की रहस्यमय घटनाओं (mysterious incidents of India) की चर्चा करेंगे… दोस्तों जहाँ मनुष्य एक जगह चाँद पर जा रहा है, टेक्नोलोजी इतनी आगे बढ़ती जा रही है, लकिन इन सब के बीच भी कभी-कभी कुछ ऐसी घटनाएँ सामने आतीं हैं जिनका जवाब विज्ञान के पास भी नहीं होता।
जी हाँ भारत में भी कुछ ऐसी ही विचित्र बातें सामने आतीं हैं जिनका जवाब आज भी अबूझ पहेली बनी हुयीं हैं। इसी तरह कुछ ऐसी घटनाएँ घटी हैं जिनके होने के पीछे कोई पुख्ता वज़ह नहीं है। कई शोधार्थियों ने इस बारे में बहुत खोजबीन करने की कोशिश की मगर उनके हाथ कुछ न आया।
आज हम उन्ही में से कुछ अनोखी घटनाओं को आप सबके सामने रखने वाले है:
जुड़वाँ बच्चों का गाँव
भारत के केरल में एक गाँव हैं, जहाँ अधिकतर जुड़वाँ बच्चे ही पैदा होते हैं। इस गाँव में २०० से ज़्यादा जुड़वाँ बच्चे हैं। ऐसा किसलिए हो रहा है, इस बात का कारण कोई नहीं जान पाया।
‘ताज महल’ में ‘शिव मंदिर’
दुनियाभर में सबसे मशहूर ईमारत ताजमहल को शायद ही कोई ऐसा हो जो नहीं जनता होगा हम हमेशा ये सुनते आए हैं कि शाहजहाँ ने मुमताज के लिए ‘ताज महल’ बनवाया था। लेकिन इसके अलावा कई लोगों द्वारा ये दावा भी किया जा रहा है कि ‘ताज महल’ की जगह पहले एक क़िला नहीं बल्कि एक शिव मंदिर हुआ करता था, जिसका नाम ‘तजो महालय’ था। शाहजहाँ ने मंदिर पर कब्जा करके उसे हथिया लिया और शिव लिंग की जगह पर मुमताज की कब्र बना दी गई।
बुलेट की पूजा
राजस्थान के पाली जिले में एक गाँव हैं वहाँ बुलेट की पूजा होती है। इसके पीछे एक कहानी यह है कि १९८८ में ओम सिंह राठौर नाम का एक शख़्स अपनी बुलेट मोटरसाइकिल पर अपने ससुराल जा रहा था। तभी पेड़ से टकराने पर उसका एक्सीडेंट हो गया और उसकी मौत हो गई। एक्सीडेंट के बाद पुलिस बुलेट उठाकर अपने साथ ले गई लेकिन बुलेट अपने आप उसी जगह पर आ गई। ऐसा कई बार हुआ आखिरकार लोग इसे चमत्कार मानने लगे और बुलेट की पूजा करने लगे।
हवा में लटका स्तंभ
आंध्रप्रदेश के लेपाक्षी मंदिर में लगभग ७० स्तंभ है। लेकिन एक स्तंभ ऐसा है जो हवा में लटका हुआ है मतलब बिना सहारे के। मंदिर में आने-जाने वाले लोग और वहाँ के पंडित भी ये देखकर हैरान हैं। इतना ही नहीं लोग तो ज़मीन और स्तंभ के बीच से कपड़ा निकालकर भी देखते हैं। ऐसा क्यों है, इसका कोई भी पता नहीं लगा पाया है।
कंकाल वाली झील
उत्तराखंड में हिमालय पर रूपकुंड नाम की एक झील है, जिसे कंकाल झील के नाम से भी जाना जाता है। इसके पीछे कारण ये है कि जब भी बर्फ पिघलती है, यहाँ नर कंकाल और खोपड़ियाँ देखने को मिलते हैं। इस बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि जमी हुई झील के पास मिले लगभग २०० कंकाल नौवीं सदी के उन भारतीय आदिवासियों के हैं जो नौवीं सदी में ओले की आंधी में मारे गए थे।
पक्षियों का सुसाइड पॉइंट
हुई न हैरानी पर यह बात सच है असम के बोरैल हिल्स में जातिंगा नामक जगह मौजूद है। इसे बर्ड्स सुसाइड पॉइंट्स के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि बरसात के दिनों में और सितंबर-अक्टूबर महीने की रातों में पक्षी यहाँ आकर पेड़ से टकराकर या किसी और तरह से ख़ुद की जान ले लेते हैं। ऐसा क्यों होता है, इसका पता अभी तक वैज्ञानिक भी नहीं लगा पाए हैं।
वीरान गाँव
राजस्थान का एक गाँव जहाँ पालीवाल ब्राह्मण रहते थे, लेकिन किसी वज़ह से उन्हें रातों-रात ये गाँव छोड़कर जाना पड़ा। ऐसे में वह लोग वहाँ से जाते-जाते उस जगह को ये श्राप दे गए कि यहाँ फिर कोई नहीं बस पाएगा। तब से ही ये गाँव वीरान पड़ा है। कई लोग ऐसा कहते हैं कि इस वीरान गाँव में रूहानी ताकतों का कब्जा है। बताया जाता है कि यदि कोई रात में रुकने की कोशिश करता है तो उसे अनजानी शक्तियों का आभास होता है।
बिना तेल और बाती के जलती है ज्वाला
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा गाँव में ज्वाला देवी का एक मंदिर है। कहा जाता है कि जब सती माता ख़ुद को अग्नि को समर्पित कर रही थीं, तब उनकी जीभ इस जगह गिरी थी। अतः इसे ५१ शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ माना जाता है। ख़ास बात ये है कि यहाँ बिना तेल और बाती के सालों से एक लौ जल रही है जो आज तक नहीं बुझी है।
चित्तौड़ का क़िला
राजस्थान के चित्तौड़ का क़िला वह जगह है जहाँ रानी पद्मावती और अन्य रानियाँ जौहर की आग में जल गई थीं। जब दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ पर हमला किया और रानी पद्मावती को अपनी शरण में करना चाहा तो रानी पद्मावती और अन्य ने जौहर की आग में कूदकर अपनी जान दे दी। तब से ही रात के समय मदद की गुहार लगाती औरतों की आवाज़ आती हैं और रात के समय जौहर कुंड के पास जाने की भी मनाही है।
प्रह्लाद जानी
गुजरात के मेहसाणा जिले में रहने वाले प्रह्लाद जानी वैज्ञानिकों के लिए भी एक सवाल बनकर रह गए हैं। पिछले ७७ सालों से बिना कुछ खाए रह रहे हैं। कुछ डॉक्टर्स ने उनकी इन शक्तियों को जानने के लिए उन पर टेस्ट भी किया लेकिन प्रह्लाद बिना कुछ खाए-पिए रहे। इसके बाद डॉक्टर्स ने उन्हें सुपर ह्यूमन घोषित कर दिया।
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