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रिमझिम-रिमझिम वर्षा (drizzle rain)
काले-काले बादल आयें,
देखो कितना शोर मचायें।
आसमान में उमड़-घुमड़ कर,
रिमझिम-रिमझिम वर्षा (drizzle rain) लाये॥
हर बगिया हर पौधा नाचे,
सुंदर पंछी मोर भी नाचे।
कोयल मीठा-मीठा गाये,
जब रिमझिम-रिमझिम वर्षा आये॥
नई दुल्हन-सी सजी है धरती,
हरे रंग में है रंगी हुई।
अपने आंचल को फैला कर वो,
जैसे वर्षा जल को भरती वो॥
हर घर की छत आंगन में,
बचपन अठखेली करता है।
बच्चों की मुस्कानों में,
अपना बचपन भी दिखता है॥
आया सावन झूम के
उमड़-घुमड़ कर बादल आये,
काले-काले बादल छाये।
रिमझिम-रिमझिम बूंदें आयी
मौसम ने भी ली अंगड़ाई॥
खेतों में फसलें लहराई,
चारों तरफ़ हरियाली है छाई।
धानी चुनर भी शरमाई,
कलियों ने ख़ुशबू फैलाई।
गरज रहे बादल घनघोर,
नाच रहे हैं वन में मोर।
बादलों की रिम-झिम फुहार,
कोयल गाये मेघ मल्हार॥
पानी बरसे कल-कल-कल,
निंदियाँ उड़ाये पल-पल-पल।
अम्बुआ की डार झूले हैं लहराये,
आओ सखि सावन गीत गायें॥
रविता शर्मा
(शिक्षिका)
कृष्णा पब्लिक स्कूल,
मेरठ, उत्तर प्रदेश
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