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हमारी मातृभूमि हिंदुस्तान है
हमें बहुत गुमान है कि हमारी मातृभूमि हिंदुस्तान है
१
हमें इस बात का बहुत गुमान है।
कि हमारी मातृ भूमि हिंदुस्तान है॥
सूर्य-सा आलोकित है सारे संसार में।
विश्व गुरु भारत वास्तव में महान है॥
२
शांति मसीहा है भारत सारे जहान का।
बस ध्यान रहे भारत माँ मानसम्मान का।
हर दिल में इक हिंदुस्तान बसना चाहिए।
प्रश्न है करोड़ों जन के स्वाभिमान का॥
३
इस वतन ने इंकलाब से आजादी पाई है।
शहीदों ने मर मिट कर तस्वीर बनाई है॥
आंच न आने देगें इस बलिदानी धरती पर।
हर बाजू बनेगा तलवार आँख ग़र उठाई है॥
४
ये भाग्य राम कृष्ण की धरा पर जन्म पाया है।
इस देश ने रामायण गीता संदेश सुनाया है॥
यह धरती है विविधता में एकता का संगम।
पूरे विश्व वसुधैव कुटुंबकम् पाठ पढ़ाया है॥
५
इस गुलशन का पत्ता-पत्ता जार न होने देना।
अमर शहीदों कीअमानत बेकार न होने देना॥
अभी तो आगाज हुआ मंज़िल दूर बाक़ी है।
भारतमाता कीअस्मत कभी बेजार न होने देना॥
धूम्रपान निषेद्ध दिवस ३१ मई पर शपथ
१
तम्बाकू, गुटका, पान मसाला की अब बस है आज से।
कैंसर कारक इन नशों की तो मानो अब तज है आज से॥
आज ही क्या सदैव जीवन में आगे से उपयोग नहीं करेंगें।
प्रण करते हमसब धूम्रपान निषेद्ध दिवस सच हैआज से॥
२
तंबाकू उत्पादों का प्रयोग मानो ज़हर का सेवन है।
जीवन का तो मानो कि मौत के दरिया में खेवन है॥
आज अभी से छोड़ दीजिए आदत बुरी धूम्रपान की।
बेमौत मरता आदमी बचता नहीं कोई नाम लेवन है॥
शहीदे आज़म भगत सिंह
१
भगत सिंह की गाथा तो है आज भी प्रेरणा की कारण।
आज़ादी के लिए हँसते हँसते किया था मृत्यु को धारण॥
पराधीनता सपनेहुँ सुख नाही चढ़ गए वह सूली पर।
गुलामी में नहीं किया कभी भी वंदना चारण॥
२
जालियाँ वाला बाग़ का समय और समय उसके बाद।
भारत की स्वाधीनता को बेताब थे भगत सिंह और आजाद॥
प्राण किये न्यौछावर और हो गए वह शहीद।
आज सब भारत वासी कर रहे नम आँखों से याद॥
एस के कपूर “श्री हंस”
बरेली
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