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आओ बच्चो! नव वर्ष पर लें नव संकल्प
आओ बच्चो! नव वर्ष पर लें नव संकल्प
आओ बच्चो! हम लें, नव वर्ष पर नव संकल्प,
पहला कठिन मेहनत का, न होता कोई विकल्प।
आओ बच्चो! हम लें, नव वर्ष पर नव संकल्प॥
आज का काम कल पर न छोड़ें, दूसरा अपना संकल्प,
क्योंकि बच्चो बीते समय का, न होता कोई विकल्प।
आओ बच्चो! हम लें, नव वर्ष पर नव संकल्प॥
तीसरा बच्चो! हम लें, आलस्य त्यागने का संकल्प,
क्योंकि बच्चो कहते हैं, आलस्य कुतो विद्या।
आओ बच्चो! हम लें, नववर्ष पर नव संकल्प॥
चौथा बच्चो हम लेंगें, अनुशासन का संकल्प,
दुर्घटना से बचने का, मात्र यही विकल्प।
आओ बच्चो! हम लें, नववर्ष पर नव संकल्प॥
पांचवा बच्चो! हम दृढ़ निश्चय का, लें संकल्प,
चट्टानों की तरह अडिग रखता है, यह विकल्प।
आओ बच्चो! हम लें, नववर्ष पर नव संकल्प॥
छठा बच्चो! हम लें, निज कसरत का संकल्प
क्योंकि बच्चो कहा है जाता-पहला सुख निरोगी काया।
आओ बच्चो! हम लें, नववर्ष पर नव संकल्प
सातवां बच्चो हम लें, सोने से पूर्व स्वचिंतन का संकल्प,
स्वचिंतन सुधार का होता बच्चो, एक मात्र विकल्प।
आओ बच्चो! हम लें, नववर्ष पर नव संकल्प॥
माता-पिता की आज्ञाकारी का, लें आठवां संकल्प,
क्योंकि मात-पिता की अवज्ञा, होता है अभिशाप।
आओ बच्चो! हम लें, नववर्ष पर नव संकल्प॥
नवम् गुरु के दिखाये मार्ग पर, चलने का लें संकल्प,
जीवन में सफल होने का, मात्र यही विकल्प॥
आओ बच्चो! हम लें, नववर्ष पर नव संकल्प॥
मेरा स्वाभिमान है हिन्दी
भारत की आन, बान है हिंदी,
हमारी शान, पहचान है हिंदी,
मेरा स्वाभिमान है हिन्दी।
हिंदी बनी जन-जन की भाषा,
हिंदी बनी विश्व की परिभाषा।
हिंदी में पड़ती है बिंदी,
हिंदी भारत माता की बिंदी।
हिंदी से बना है हिंदुस्तान,
इस पर मुझको है अभिमान।
हिंदी सबकी प्यारी है,
हिंदी राजदुलारी है।
बोलने में प्यारी लगती हिन्दी,
सबके मन को भाती हिन्दी।
सूर तुलसी मीरा ने भक्ति की, अलख जगाई है।
मैथिली, माखनलाल ने राष्ट्र की, गाथा गाई है
हिन्दी नेअपना परचम लहराया है।
हिन्दी ने विश्व में नाम कमाया है॥
हिंदी अपनाएँ मत शर्माएँ।
हिंदी में अपना नाम कमाएँ॥
हिंदी का और विकास होगा तभी
रोजमर्रा की ज़िन्दगी में अपनाएँ सभी॥
डॉ. हरिभजन प्रियदर्शी (स्टेट अवार्डी)
प्रवक्ता-हिन्दी
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (कन्या) मलोट,
ज़िला-श्री मुक्तसर साहिब
(पंजाब)
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