Table of Contents
पिता
पिता का प्यार
जीवन का आधार
पालन हार
शसक्त डोर
सपनों की उड़ान
उज्ज्वल भोर
अभिमान है
जिसके पास पिता
पहिचान है
पिता की गोद
मुझे सुकून देती
दुख बिसरे
पिता विश्वास
हर पल साथ हैं
जीने की आस
ज्ञान की खान
आस्थाओ का सम्बल
पिता आकाश
नई उम्मीद
जिंदगी की जंग में
मेरे करीब
पिता सागर
असीम खुशियों का
होता भंडार
माँ का श्रंगार
माँग का कुम कुम
माथे बिंदिया
स्नेह बंधन
मासूम बचपन
पिता मुस्कान
स्वप्न साकार
रिश्ते में व्यवहार
पिता संस्कार
रखते ध्यान
स्वयं दुख छिपाते
झूठी मुस्कान
नर्म है भाव
तपती धूप में भी
शीतल छाँव
मेरा वजूद
सदैव आस पास
हैं हमदर्द
पिता प्रेरणा
आदर्श हैं हमारे
राह दिखाते
माँ का प्यार
पिता की फटकार
प्रेम अपार
डॉ. विजय लक्ष्मी ‘अनु’
आगरा, उत्तर प्रदेश
यह भी पढ़ें-
1 thought on “पिता ”