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२१वीं सदी का भारत
२१वीं सदी का भारत
२१वी सदी का सुद्रढ़ भारत की कामना हर भारतवासी करता है। जिसमें हर इलाज़ सरकारी और बढ़िया हो। शिक्षा का तरीक़ा ऐसा हो जो आगे जा कर बच्चों के काम आए हम बच्चों को पढ़ाई के साथ उस का भी ज्ञान दे जो वह आगे जा कर बनना चाहते है और शिक्षा को भी मुफ्त कर देना चाहिए ता जो देश का हर बच्चा पढ़ सके।
हर एक को रोज़गार मुहिया हो। बेटी बचाओ का नारा केवल नारा ना हो कर ठोस कदमों के सहित लागू हो और बलात्कारी के लिए मौत की सज़ा लाज़िम हो। स्वच्छ भारत का अभियान भी सख्त नियमों के तहत हो हर गली नुकड़ साफ़ हो सड़कें बिल्कुल साफ़ हो।
हम में से जब भी कोई विदेश जाता है। दिल से यही बोलता है कि काश मेरा देश भी ऐसा होता साफ़ स्वच्छ और सुंदर और सब को रोज़गार अगर मिलता तो कोई देश छोड़ कर ना जाता। पैसे कमाने और आपनो को सुख देने की चाह ने के लोगों को परदेसी कर दिया। हम बोल देते है कि देश ने हमारी बहुत तरकी कर ली। पर हम आज भी बहुत पिछड़े हुए है और देशों से।
तरकी कर रहा है देश पर बहुत धीमी चल से वह तब तक नही हो सकता जब तक भ्र्ष्टाचार ख़त्म नहीं हो जाता यहाँ ऊपर से ले कर नीचे तक सब लालची ओर रिश्वतखोर है। दुआ है मेरी मेरा भारत फिर से सोने की चिड़िया हो जाये जिसे फिरंगी लूट कर विदेश चले गए। जात पात से सब ऊपर उठ कर भाईचारे की बात करे और कोई इस पर बुरी नज़र रखने वाला कई बार सोचे। हर देश दुश्मनी रखने की वज़ह इस देश से दोस्ती करना पसंद कर। मेरी येही चाहत है कि मेरा २१वीं सदी का सुदृढ़ भारत खुशहाल और मज़बूत हो।
नीलू बग्गा लुधियानवी
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