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अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस (International Disabled Day) पर सीएसआर के तहत सेल ने सहायक उपकरणों का वितरण किया
३ दिसम्बर, २०२२ को ‘अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस’ (International Disabled Day) पर इस्पात क्षेत्र की महारत्न कंपनी भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) नेअपने संयंत्रों/इकाइयों औरनई दिल्ली स्थित कारपोरेट कार्यालय में दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण वितरित किए। सेल ने अपने कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहतइस ज़रूरी कार्यक्रम को शुरू करने के लिए भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) को नियुक्त किया है। इस कार्यक्रम में सेल की अध्यक्ष श्रीमती सोमा मंडल, कंपनी के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उपस्थित थीं।
सेल के लिए यह प्राथमिकता आधारित कार्यक्रम है। इसका आयोजन देश के विभिन्न स्थानों में सेल के परिचालन वाले अधिकांश क्षेत्रों में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत चरणबद्ध तरीके से किया गया। दिव्यांगजनों को ट्राइसाइकिल, मोटरचालित ट्राइसाइकिल, दृष्टिबाधितों कोस्मार्ट केन व स्मार्ट फ़ोन और श्रवण यंत्र जैसे सहायक उपकरणों के माध्यम से सशक्त बनाया जा रहा है।
वर्तमान मेंसेल अपने संयंत्र के क्षेत्रों में दिव्यांगजनों को समर्पित विभिन्न केंद्रित सुविधाओं के माध्यम से सहायता प्रदान कर रहा है। इनमें राउरकेला में ‘दृष्टिबाधित, बधिर और मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों के लिए स्कूल’ और ‘होम एंड होप (घर और आशा)’ बोकारो स्थित, ‘आशालता केंद्र’ दुर्गापुर में ‘दिव्यांग उन्मुख शिक्षा कार्यक्रम’ व ‘दुर्गापुर दिव्यांग हैप्पी होम औरबर्नपुर में’ चेशायर होम’ शामिल हैं।
राष्ट्रपति ने वर्ष २०२१ और २०२२ के लिये राष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार प्रदान किये
- दिव्यांगजनों में आत्मविश्वास का संचार करना उनके सशक्तिकरण के लिये अत्यंत महत्त्वपूर्ण
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर आज (तीन दिसम्बर, २०२२) नई दिल्ली में वर्ष २०२१ और २०२२ के लिये राष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार प्रदान किये।
उपस्थितजनों को सम्बोधित करते हुये राष्ट्रपति ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के एक अनुमान के अनुसार पूरे विश्व में एक अरब से भी अधिक दिव्यांगजन हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि विश्व में हर आठवां व्यक्ति किसी न किसी तरह की दिव्यांगता में है। भारत की दो प्रतिशत से अधिक की आबादी दिव्यांग है।
इसलिये, यह हम सब की जिम्मेदारी बनती है कि हम यह सुनिश्चित करें कि दिव्यांगजन सम्मानपूर्वक मुक्त जीवन जी सकें। हमारा यह भी कर्तव्य है कि हम सुनिश्चित करें कि दिव्यांगजनों को अच्छी शिक्षा मिले, वे अपने घरों व समाज में सुरक्षित रहें, अपना करियर चुनने की आजादी हो और उन्हें रोजगार के समान अवसर मिलें।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय संस्कृति और परंपरा में, दिव्यांगता को कभी भी ज्ञान तथा उत्कृष्टता प्राप्त करने के मार्ग में अवरोध नहीं समझा गया है। प्रायः देखा गया है कि दिव्यांगजनों में नैसर्गिक रूप से उत्कृष्ट गुण होते हैं। ऐसे अनेक उदाहरण है, जहाँ हमारे दिव्यांग भाइयों और बहनों ने अपने अदम्य साहस, प्रतिभा और संकल्प के बल पर अनेक क्षेत्रों में प्रभावशाली उपलब्धियाँ अर्जित की हैं। यदि उन्हें सही माहौल में पर्याप्त अवसर दिये जायें, तो वे हर क्षेत्र में निखरेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा ही हर व्यक्ति के सशक्तिकरण की कुंजी है। इनमें दिव्यांगजन भी शामिल हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि शिक्षा में भाषाई अवरोधों को हटाने के लिये प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए तथा शिक्षा को दिव्यांग बच्चों के लिये अधिक सुगम बनाना चाहिये।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० में भीदिव्यांग बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के समान अवसर प्राप्त होने के महत्त्व को रेखांकित किया गया है। राष्ट्रपति को यह जानकर ख़ुशी हुई कि पहली से छठवीं कक्षा के श्रवण-बाधित दिव्यांग बच्चोंके लिये एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों को भारतीय सांकेतिक भाषा में बदला गया है। उन्होंने कहा कि श्रवण-बाधित छात्रों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाने के लिये यह महत्त्वपूर्ण पहल है।
राष्ट्रपति ने कहा कि दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिये सरकार अनेक क़दम उठा रही है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों में आत्मविश्वास का संचार करना उन्हें अधिकार-सम्पन्न बनाने के लिये बहुत महत्त्वपूर्ण है। दिव्यांगजों के पास भी उतनी ही प्रतिभा और क्षमता होती है, जितनी सामान्य लोगों के पास तथा कभी-कभी तो उनसे ज़्यादा प्रतिभा होती है।
उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिये, ज़रूरी है कि उनके भीतर आत्मविश्वास का संचार किया जाये। राष्ट्रपति ने समाज के सभी वर्गों से आग्रह किया कि वे आत्मनिर्भर बनने तथा जीवन में आगे बढ़ने के लिये दिव्यांगजनों को प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि हमारे दिव्यांग भाई और बहन मुख्यधारा में शामिल होकर प्रभावशाली योगदान करेंगे। ऐसी स्थिति में हमारा देश प्रगति-पथ पर और तेजी से अग्रसर होगा।
सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय के अधीन दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग हर वर्ष व्यक्तियों, संस्थानों, संगठनों, राज्यों/जिलों आदि को दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के क्षेत्र में किये गये शानदार कामों के लिये राष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार देता है।
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