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साहित्य संस्था “लुत्फ़-ए-सुखन” (Lutf-e-Sukhan) द्वारा आयोजित की गई जिंदादिल महफिल, बाग-बाग हुए शायर
“लुत्फ़-ए-सुखन” (Lutf-e-Sukhan) साहित्यिक संस्था के द्वारा दिनांक 3 अप्रैल 2022 को मिनी चौपाटी आगा चौक, जबलपुर में साहित्यिक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसके मुख्य अतिथि आदरणीय श्री रघुनंदन शर्मा दानिश जी रहे। काव्यगोष्टी के दौरान गीतकार सर्व श्री अंशुल “नादान”, मकबूल शायर विजय आनंद माहिर जी, दीपेश शर्मा जी, शायरा पूर्णिमा सिंह “इरम” जी एवं अन्य शायरों ने महफिल में शिरकत की।
“लुत्फ़-ए-सुखन” (Lutf-e-Sukhan) की इस महफ़िल का संयोजन आदरणीय श्री सजल श्रीवास्तव “शायर जबलपुरिया” के द्वारा किया गया एवं कार्यक्रम संचालन श्री सतीश मिजाजी जी ने किया। कार्यक्रम का आरंभ शायर श्री तौफ़ीक़ साहेब की कुछ शेरो-शायरी से आरंभ हुआ, जिसके बाद सर्व श्री जॉन अदीव, डॉ शशांक मोहबत्तिया, इरफान साहेब, शायरा शिवानी राजपूत, शायर शिवम सोनी शायर राम प्रकाश राजपूत, शायर कपूर राज शर्मा एवं कवि दिनेश सेन “शुभ” ने काव्यपाठ करके समा बाँध दिया।
गोष्टी के अंतिम चरण में आदरणीय श्री रघुनंदन शर्मा “दानिश” जी ने अपने शेर “कितनी ज़िंदा महफ़िल थी कल साथ में सब ख़ुद को लाए थे” के माध्यम से महफ़िल में शिरकत की एवं संयोजक आदरणीय श्री सजल श्रीवास्तव एवं संचालक श्री सतीश मिजाजी जी का आभार व्यक्त किया एवं तमाम हजरात का शुक्रिया अदा किया।
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