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जय हिंदी (Jai Hindi)
जय हिंदी (Jai Hindi)… गर्व होता है हमें हिन्दुस्तानी होने पर जब हिंदी की चर्चा होती है… हिंदी है ही इतनी प्यारी… तो चलिए हिंदी के बारे में कुछ और जानकारियां लेते हैं आज के आलेख के माध्यम से… आलेख के लेखक हैं रासबिहारी नागेश जी… गरियाबंद, छत्तीसगढ़ के रहने वाले रासबिहारी नागेश जी हिंदी लेखन में रूचि रखते हैं… समय बर्बाद न करते हुए आइये पढ़ें यह आलेख…
हिंदी को राजभाषा का दर्जा 14 सितम्बर 1949 के दिन मिला था। तब से लेकर आज तक हम प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?
इसके मनाने के कारण क्या है आइए इससे जुड़ी अहम हम बातें को जान लेते हैं। 2001 की जनगणना के अनुसार लगभग 26 करोड़ भारतीय हिंदी को मात्री भाषा के रूप में उपयोग करते हैं। जबकि लगभग 43 करोड़ लोग इसकी 50 से अधिक बोलियों का उपयोग करते हैं। और विश्व स्तर पर जो आंकड़े मिलते हैं उसी आंकड़े के हिसाब से मातृ भाषा के रूप में बोली जाने वाली भाषा में हिंदी को तीसरा स्थान प्राप्त है। हिंदी की प्रमुख बोलियों में अवधी, भोजपुरी, गढ़वाली, हरियाणवी, छत्तीसगढ़ी, मारवाड़ी भाषा शामिल है।
साल 1947 में अंग्रेजी हुकूमत से भारत स्वतंत्र हुआ तो उस समय देश के समक्ष भाषा को लेकर सबसे बड़ा सवाल था की देश की राजभाषा कौन सी होगी। क्योंकि भारत में सैकड़ों भाषाएं और बोलियां बोली जाती थी। 1946 में आजाद भारत का संविधान तैयार करने के लिए संविधान का गठन हुआ। संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को संविधान के अंतिम प्रारूप को मंजूरी दे दी और इसी प्रकार भारत का अपना संविधान 26 जनवरी 1950 को पूरे देश में लागू हुआ। लेकिन भारत की कौन सी राष्ट्रभाषा चुनी जाएगी यह मुद्दा प्रमुख था। काफी सोच-विचार के बाद हिंदी और अंग्रेजी को नए राष्ट्र की भाषा चुना गया संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को अंग्रेजी के साथ राष्ट्र की अधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया था।
14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने एकमत से निर्णय लिया की हिंदी ही भारत की राजभाषा होगी देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने कहा इसी दिन के महत्व को देखते हुए हर साल 14 सितम्बर को हिंदी दिवस मनाया जाए। बता दे पहला हिंदी दिवस 14 सितम्बर 1953 में मनाया गया था। आप इसे हिंदी की बढ़ते हुए ताकत ही कहेंगे कि इंटरनेट के प्रयोग से अगर विश्व में किसी भाषा की सर्वाधिक प्रचार-प्रसार हुई है तो वह भाषा है हिंदी। आज विश्व के कई देश जैसे पाकिस्तान बांग्लादेश, न्यूजीलैंड, सूडान, भूटान, नेपाल देशों में हिंदी की प्रचार प्रसार हो रही है। एवं वहां के निवासी हिंदी भाषा बोल रहे हैं। और मुझे गर्भ अनुभूति होती है कि मैं एक हिंदी भाषी राष्ट्र का निवासी हूं पर मेरी मातृभाषा हिंदी है।
जय हिंदी, जय हिंदुस्तान। भारत देश, है महान।
रासबिहारी नागेश
मैनपुर, जिला- गरियाबंद (छत्तीसगढ़)
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