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लक्ष्य कैसे निर्धारित करें?
लक्ष्य कैसे निर्धारित करें…? आलेख खासकर उन विद्यार्थियों के लिए है… जो स्कूल की पढाई कर रहे हैं। साथ ही उन युवाओं के लिए भी जो बिना लक्ष्य के जीवन जी रहे हैं। या उन सभी के लिए… जिन्हें अपना लक्ष्य बनाने में मुश्किल होती है। तो चलिए… जानते हैं कि लक्ष्य कैसे निर्धारित करें…!
मित्रों, अभी मैं आपसे कुछ पूंछ लूँ। हाँ… मुझे लगता है आप तैयार हैं…! ओके… ! क्या आप मुझे बताएँगे कि एक विद्यार्थी के लिए… या एक युवा के लिए… सबसे ज़रूरी काम क्या है…? सोचिये… सोचिये…! ओहो…! कई सारे जबाब आ रहे हैं न…! इनमें से कई जबाब तो बड़े रुचिकर होंगे… है न…! खैर… मैं आपका ज़्यादा समय बर्बाद नहीं करूँगा। मित्रों… मुझे लगता है कि आज के माहौल में जो सबसे ज़रूरी काम है… वह है… लक्ष्य का निर्धारण।
बिलकुल ठीक सुना आपने…! लक्ष्य बनाना दुनिया का सबसे ज़रूरी काम है… किसी भी व्यक्ति के लिए… । फिर चाहे वह विद्यार्थी हो या व्यवसायी, नौकरीपेशा हो या बेरोजगार। क्योंकि जिसने अपने जीवन का कोई लक्ष्य नहीं बनाया… वह जीवन में कुछ हासिल नहीं कर सकता। वह जीवन को सिर्फ़ गुजार रहा है। या आज कल की भाषा में कहूँ तो वह सिर्फ़ समय गुजार रहा है… और कुछ नहीं। अब आप सोच लीजिये कि आपको सिर्फ़ समय गुजारना है या जीवन में कोई लक्ष्य बनाना है। तो लक्ष्य कैसे निर्धारित करें…?
मित्रों, लक्ष्य बनाना कोई आसान काम नहीं है। ये दुनिया का सबसे मुश्किल काम है। मेरे हिसाब से। ऐसा क्यों है…? वह भी मैं आपको बता दूँ। ऐसा इसलिए है… क्योंकि आज की जो हमारी शिक्षा पद्धति है… वह हमें अनुमति नहीं देती कि हम तब तक अपने लक्ष्य के बारे में सोचें… जब तक कि हमारी शिक्षा पूरी न हो जाये। आप किसी को भी बोलकर देख लीजिये… मुझे इंजिनियर बनना है… मुझे कुछ स्पेशल करना है… तो सबसे पहला शब्द जो आपको सुनने को मिलेगा… वह होगा… बेटा… पहले पढ़ ले। पढ़ ले… फिर कुछ सोचना। अभी से सपने मत देख। कुछ ऐसे ही जबाब मिलते हैं न। बिलकुल। माने… भविष्य के बारे में सोचना और सपने देखना भी गुनाह हो गया।
लक्ष्य कैसे निर्धारित करें ये जानना क्यों है ज़रूरी…?
मित्रों, अगर आपको ये न मालूम हो कि आपको जाना कहाँ है… तो क्या आप कहीं पहुँच सकते हैं…? बिलकुल नहीं। इसीलिए सबसे पहला काम है ये जान लेना कि हमें आख़िर जाना कहाँ है…? जीवन में आख़िर करना क्या है…? शुरू से लेकर १२th तक तो हम ये नहीं सोच पाते कि हमारी ज़िन्दगी का मकसद क्या है…? क्योंकि हमें सिर्फ़ पढने के लिए बाध्य किया जाता है। ऐसा लगता है कि अगर हमने अपने भविष्य के बारे में कुछ सोच लिया तो बहुत बड़ा पाप कर लिया… और जब हम १२th कर चुके होते हैं… तो हम अपने आपको एक ऐसे चौराहे पर खड़ा पाते हैं… जहाँ से ये सोचना मुश्किल होता है कि हमें जाना किधर है…? आख़िर वह कौन-सा रास्ता है जिस पर चलकर हमें अपनी मंज़िल मिलेगी…?
ऐसे में कई विद्यार्थी डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। इसलिए मित्रों… तोड़ दो सारे मिथक… और अपने बारे में सोचना शुरू कीजिये। ज़िन्दगी में कुछ हासिल करना है, तो लक्ष्य बनाना ही पड़ेगा। बनाना पड़ेगा… आज नहीं तो कल। बिना लक्ष्य की ज़िन्दगी के कोई माइने नहीं हैं मित्रों। मुझे ऐसा लगता है कि कुछ लोग ज़िन्दगी के लिए लक्ष्य नहीं बनाते… बल्कि दिनों के लिए लक्ष्य बनाते हैं। आज ये… तो कल वो… परसों कोई और।
जैसे कि मैंने पहले ही कहा कि टारगेट बनाना कोई आसान काम नहीं है। वह इसलिए क्योंकि पहले तो हम इसके बारे में सोचते नहीं हैं… या सोचने नहीं दिया जाता… और फिर हम अपने चारों तरफ़ कुछ ऐसे लोगों को देखते हैं, जो अपने-अपने प्रोफेशन में पैसा कमा रहे हैं। फिर हम उनकी तुलना करते हैं। नहीं ये काम ठीक रहेगा… नहीं… नहीं ये वाला बेस्ट है। चलो… ये कर लेता हूँ। तभी कोई फ्रैंड आकर बताता है कि यार… मिस्टर खन्ना को देख… कितना कमाता है…! उसकी एक दिन की कमाई के बारे में सुनेगा तो होश उड़ जायेंगे… और फिर और ज़्यादा भटकाव, समझ नहीं आता किसको चुनें…?
अरे यार… जब ज़िन्दगी तुम्हारी है… सपने तुम्हारे हैं… तो ज़िन्दगी अपने तरीके से जीनी है या रिमोट कण्ट्रोल से। समय बदल चुका है। आप कब बदलेंगे…? तो दोस्तों… सबसे पहला काम जो हमारे लिए है, वह है लक्ष्य का निर्धारण। अपनी क्षमता के अनुसार… अपनी रुचियों के अनुसार… अपने जीवन का लक्ष्य बनाइये। ये नहीं कि वह ऐसा कर रहा है तो मैं भी वैसा ही करता हूँ। बिलकुल नहीं। हर इंसान की अपनी अलग सोच होती है… अपनी अलग चॉइस होती है। सोचिये कि आप दुनिया के स्पेशल पर्सन हैं… और आपको कुछ स्पेशल करना है। फिर देखिये कि आपका लक्ष्य भी स्पेशल होगा, जिसे आप हर परिस्थिति में हासिल करना चाहेंगे। ये मत सोचिये कि अभी तो मुझे पढ़ना है… फिर कहीं कुछ सोचेंगे… अभी से क्या पड़ी है…? नहीं… नहीं… यहीं पर आप गलती कर जाते हैं… पहले लक्ष्य निर्धारित कीजिये… फिर देखिये कि आपका पढ़ने में भी मन लगेगा… और धीरे-धीरे आप अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते जायेंगे।
मैं ऐसे युवाओं से भी कहना चाहूँगा जो अब तक जीवन का कोई लक्ष्य नहीं बना पाए हैं… कि जब तक आप लक्ष्य नहीं बनायेंगे… आप अपनी मंज़िल को कभी नहीं पा सकते। एक बार अपनी सारी शक्ति लगा दीजिये ये जानने में कि मेरे को करना क्या है…? और फिर उस लक्ष्य को लिखकर रख लीजिये। लिखकर रखिये… ताकि आप अपने लक्ष्य से भटक न पायें। यक़ीन मानिये… जब आपका लक्ष्य हमेशा आपकी आँखों के सामने होता है, तो काम करने का मज़ा ही कुछ और होता है। भूल जाइये सब कुछ… याद रखिये तो सिर्फ़ लक्ष्य। जब आपको ये पता चल जाता है… कि आपको जाना कहाँ है… तो आपको वहाँ तक पहुँचने से कोई नहीं रोक सकता। बशर्ते… आपके इरादे नेक होने चाहिए… । सच्ची लगन और दृढ़ संकल्पता… ये दोनों आपके सहयोगी हैं, जो आपको अपनी मंज़िल तक पहुँचाकर ही रहेंगे। इन पर आप भरोसा कर सकते हैं। मित्रों, मैंने ऐसे बहुत से लोग देखे हैं… जो आपको मुफ्त की सलाह देते फिरते हैं। तुम्हें ये कर लेना चाहिए… तुम वह कर सकते हो… ये प्रोफेशन तुम्हारे लिए बेस्ट रहेगा। आप जानते हैं कि ज़िन्दगी में थोड़ा रिस्क लेना पड़ता है… बगैरह… बगैरह।
और मजे कि बात है मित्रों… जब आप उनको ये बताते हैं… कि आप फलां काम करने वाले हैं… तो उनका रिएक्शन क्या होता है…? पागल है… मर जायेगा… बर्बाद हो जायेगा। वह आपको १०० कारण गिना देंगे कि ये काम आपको क्यों नहीं करना चाहिए… । क्योंकि उन्हें अच्छी तरह मालूम है कि खुदा न खास्ता इसने अपनी मंज़िल पा ली… तो फिर मुझे कौन पूंछेगा…? ऐसे भी लोग होते हैं दुनिया में। मैं आज तक ये नहीं समझ पाया कि जो लोग आपको बड़ी-बड़ी बातें समझाते रहते हैं… और आप कुछ करने चलो… तो सबसे ज़्यादा डराते भी वही हैं। ऐसा क्यों करते हैं लोग…? क्यों…? लेकिन मित्रों… आपको डरने की ज़रूरत नहीं। आप अपने लक्ष्य पर नज़र रखिये। फिर देखिये… कोई भी डर… आपको अपने फैसले से डिगा नहीं सकता।
अपने आप पर भरोसा कीजिये… भूल जाइये सब कुछ। कौन… क्या कहता है…? इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता। फ़र्क़ पड़ता है, तो सिर्फ़ आपके नजरिये का। अपने लक्ष्य को अर्जुन की तरह पक्षी की आँख समझिये… और लगा दीजिये निशाना। जब आप ऐसा करेंगे… तो यक़ीन मानिये… सारी कायनात आपके साथ होगी। बस आपको अपना लक्ष्य याद रखना है… तो जाइये… काम शुरू कीजिये… इंतज़ार किस बात का…?
~ मनोज कुमार “मंजू”
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