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जिंदगी गुलजार होगी
जिंदगी गुलजार होगी
तुम अगर मेरी सांसों के नजदीक होंगे
हमारे पल पल सदा खुशनसीब होंगे
लबों पे तुम्हारे मुस्कुराहट छा आएगी
मैं नाच उठूंगा और तुम भी नाच उठोगे
फूल तुम्हारे आंगन में बरसने लगेंगे
इस खुशी की कोई ओर इबारत न होगी
आबाद मैं हो जाऊंगा अपनी जिंदगी में
इससे बढ़ क कोई ओर शोहरत न होगी
तड़फ मैं पूरी करना चाहता हूं तुम्हारे लिए
इंतजार है वो पल मुझे कब नसीब होंगे
तुम अगर मेरी सांसों के नजदीक होंगे
हमारे वो हर पल बड़े खुशनसीब होंगे
खिलना खिलाना मुझे भी आ जायेगा
खुशबू फैलेगी फिजा में हमारे इश्क की
खुशबू से सरोबार हो लेंगे हम दोनों
जरूरत न होगी फिर किसी नक्श की
जिंदगी होगी फिर गुलजार तुम्हारी मेरी
जब आपसी आगोश में हम दोनो होंगे
तुम अगर मेरी सांसों के नजदीक होंगे
तो हमारे हर पल बड़े खुशनसीब होंगे
हिसाब रखता है वो
वो हमें भेज के कभी निश्चिंत न रहा
उसे चिंता हमको उठाने की भी है
जो भी काम जैसा हम करे जा रहे है
इसे देखने की ज़िम्मेदारी उसी की है
हिसाब रखता है वो पल पल का
सांसे हमें वो गिन गिन के दे रहा है
जो हम कयामत तक करें जा रहे है
अपनी आंखों से हमें वो देख रहा है
भेजा था उसने हमको जहान में
केवल भला काम करने के खातिर
भूल गाएं हम उसकी हर बात को
कुकर्म करने के हम हो गए शातिर
यह तय है हमने जो भी किया बुरा
सजा सुनाने की मर्जी उसकी की है
कभी वो हमें भेज कर निश्चिंत न रहा
उसे चिंता हमको उठाने की भी है
जिंदगी की दौलत
अपनी जिंदगी को ठहरने न दो दोस्तों
हाथ पे हाथ धर के कभी बैठना नहीं
धीमी चाल हो तुम्हारी भले कछुए जैसी
चलते रहो तुम इधर उधर देखना नहीं
कछुए से ले के प्रेरणा तुम आगे बढ़ते रहो
तुम्हें फिर तुम्हारी मंजिल मिल के रहेगी
करोगे न काम जब तुम अपनी जिंदगी में
जिंदगी की दौलत तुम्हें कैसे मिल सकेगी
रमेश पाटोदी नवाब
जयपुर, राजस्थान
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