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कोई अनमोल-सी सौगात होती है दोस्ती
कोई अनमोल-सी सौगात होती है दोस्ती।
१
महोब्बत की कड़ियाँ, कभी मत टूटने देना।
हाथ दोस्त का हाथों से, मत कभी छूटने देना॥
दोस्ती तो नियामत है, इस संसार में सबसे बड़ी।
मित्र को तुम वेवजह, यों ही मत रूठने देना॥
२
जिंदगी का रुख ज़रा कुछ, ऐसा मोड़ लीजिये।
शिकायत छोड़ कर, अपनापन ओढ़ लीजिये॥
सम्बंध, रिश्ते ईश्वर के, तो उपहार हैं अनमोल।
एक पहला नियम, दोस्ती में स्वार्थ छोड़ दीजिये॥
३
दोस्ती में एहसान कभी, भी जताया नहीं जाता।
करके भला फिर उसको, सुनाया नहीं जाता॥
एक और एक मिल कर, ग्यारह हो जाते हैं।
इस बात को तो कभी, भी भुलाया नहीं जाता॥
४
जो समय पर काम आये, वह दोस्त सच्चा होता है।
छल कपट से कहीं दूर, वह मन का बच्चा होता है॥
बारिश में भी आँख के आँसू, लेता है पहचान वह।
आँच न आने दे दोस्त पर, ऐसा वह अच्छा होता है॥
एस. के. कपूर “श्री हंस”
बरेली
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