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पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि
पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि: प्रशान्त कुमार
बहनों की राखी,
भाई का प्यार…
हो गया सूना संसार…
आंखे पुरनम बहती धार
पूछे हमसे बार बार
बोलो वह सब कहाँ गए…
सूनी गलियाँ
बसंत बहार
सूना फागुन
रंग की बौछार
पूछे हमसे बार बार
बोलो वह सब कहाँ गए…
बूढ़ी माँ की आँख का तारा…
बूढ़े पिता का एक सहारा…
नाव फंसी बीच मझधारा
ढूँढे मिलता नहीं किनारा…
बोलो वह सब कहाँ गए
बच्चों की वह सर की छाया
ज्यों आगे पीछे हो साया
छुट्टी में क्यों घर न आया
एक मासूम समझ न पाया
बोलो माँ वह कहाँ गए.।
हाथों की भी न छूटी मेहंदी…
सर से भी न उतरी बेंदी…
निरपराध मासूम बाग़ की
जीते जी ही बलि क्यों ले ली…
पूछे “पी.के.” सब कहाँ गए…
चेतावनी
चालीस सहस्र हो जाते चार,
गर वार सामने से करते।
बोटी बोटी होती हज़ार,
गर वार सामने से करते।
अब्दुल, हमीद, आजाद, भगत,
होती पूजा वन्दन आचार,
गर वार सामने से करते।
पर…
पर…
पर…
पर… सुअरों को क्या शिष्टाचार,
जो वार सामने से करते॥
बहुत बहुत विनम्र श्रद्धांजलि
गणपति वन्दना
मंगलकर्त्ता, विघ्नहर्ता, करुणा के अवतार हो।
पावन चतुर्थी पर मेरी, वन्दना स्वीकार हो॥
फूल मालाओं से तेरा दर सुसज्जित हो रहा।
आप आएंगे ये सुनकर मन प्रफुल्लित हो रहा॥
मन के मंदिर में विराजो सज गया दरबार हो॥
पावन चतुर्थी पर मेरी, वन्दना स्वीकार हो॥
भाव सुमनों की ये माला, गूंथकर लाया हूँ मैं।
प्रेम के अश्रु के मोती बीनकर लाया हूँ मैं॥
कर दया स्वीकार कीजै, विश्व का उद्धार हो॥
पावन चतुर्थी पर्व पर मेरी वन्दना स्वीकार हो॥
देश का कल्याण हो, सब तरफ़ खुशियाँ घनी।
प्रेम, शांति, सद्भाव का, सजी क्यारियाँ हों मधुबनी॥
धर्महित हिंसा मिटाकर, सबका मधुर व्यवहार हो।
पावन चतुर्थी पर मेरी, वन्दना स्वीकार हो॥
शत्रु मेरे देश का और शत्रुता का नाश हो॥
कोरोना या दुष्ट की, उस दुष्टता का नाश हो॥
सब सुखी हों और “पी.के.” , सुखी सब संसार हो॥
पावन चतुर्थी पर मेरी वंदना स्वीकार हो॥
आशुकवि प्रशान्त कुमार “पी.के.”
पाली हरदोई (उत्तर प्रदेश)
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