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‘कवितायन’ में बिखरे रचनाओं के इंद्रधनुषी रंग
बांदा। कवितायन’ में बिखरे रचनाओं के इंद्रधनुषी रंग: शैक्षिक संवाद मंच उत्तर प्रदेश एवं रचनाकार मंडल (बेसिक शिक्षा) द्वारा गत दिवस संयुक्त रूप से एक आनलाइन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। लगभग दो घंटे तक चले कविता पाठ के सत्र ‘कवितायन’ की अध्यक्षता शैक्षिक संवाद मंच के संयोजक साहित्यकार दुर्गेश्वर राय (गोरखपुर) ने की तथा छत्तीसगढ़ के प्रख्यात योग प्रशिक्षक साहित्यकार संजय वस्त्रकार बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। गोष्ठी का संचालन किया कवयित्री वत्सला सिंह (कानपुर) ने।
कविता में मानवीय मूल्य एवं लोकतांत्रिक भाव आवश्यक: प्रमोद दीक्षित मलय
इस अवसर पर शैक्षिक संवाद मंच के संस्थापक एवं रचनाकार मंडल (बेसिक शिक्षा) संयोजक वरिष्ठ साहित्यकार प्रमोद दीक्षित मलय ने कविता पर चर्चा करते हुए कहा कि कविता में मानवीय मूल्य, सामूहिकता एवं लोकतांत्रिक भावों का समावेश आवश्यक है। कविता में आमजन का स्वर मुखरित हो और हमारी कविता दुनिया में सकारात्मक बदलाव की संवाहक बने। अभिधा की बजाय लक्षणा और व्यंजना में कहीं गई बात पाठक के सम्मुख अर्थ के विविध आयाम प्रकट करती है।
‘कवितायन’ का शुभारम्भ सोनभद्र की कवयित्री शालिनी गुप्ता द्वारा प्रस्तुत माँ सरस्वती वंदना से हुआ। गोष्ठी में रीतिका मिश्रा कौशांबी, डॉ अरविन्द द्विवेदी वाराणसी, कमलेश कुशवाहा चित्रकूट, दाऊदयाल वर्मा इटावा, अमिता सचान लखनऊ, डॉ. यशोधरा यादव ‘यशो’ आगरा, स्मृति दीक्षित वाराणसी, अनुराधा दोहरे इटावा, शालिनी सिंह कौशांबी, विन्ध्येश्वरी प्रसाद ‘विन्ध्य’ वाराणसी, रुचि तोमर फतेहपुर, गुंजन भदौरिया कन्नौज, मीरा कुमारी मऊ, नीतू सिंह सुल्तानपुर, आभा त्रिपाठी मऊ, विजय शंकर यादव अंबेडकर नगर, रुचि गर्ग मुजफ्फरनगर, वत्सला सिंह कानपुर, सरस्वती चंदौली, आशा कुशवाहा ललितपुर तथा राजश्री यादव आगरा ने काव्य रसधार बहाई।
गोष्ठी में पढ़ी गयी रचनाओं में लिंगभेद, बचपन, प्रकृति, देशभक्ति, शिक्षा, नववर्ष, राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के स्वर समाहित थे। उपस्थित श्रोताओं ने रचनाकारों की सराहना कर करतल ध्वनि से उत्साहवर्धन करते रहे। मुख्य अतिथि संजय वस्त्रकार ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में कविता को जीवन के लिए आवश्यक बताया। अध्यक्षता कर रहे दुर्गेश्वर राय ने सभी रचनाकारों की पढ़ी गयी रचनाओं पर आलोचनात्मक करते हुए कविता को समाज निर्माण से जोड़ समता-समरसता की बात कही ओर अपनी प्रसिद्ध रचना ‘पिता’ सुनाई। गोष्ठी में रचनाकारों के अलावा प्रीति मौर्या, सुनीता वर्मा, विनीत मिश्रा इत्यादि शिक्षक एवं शिक्षिकाएँ उपस्थित रहे। यह भी तय हुआ कि प्रत्येक माह कविता पाठ का आनलाइन सत्र रखा जायेगा तथा दिसम्बर २०२५ में एक विशाल कवि सम्मेलन का आयोजन कर रचनाकारों का सम्मान और वर्ष भर पढ़ी गई रचनाओं को संकलित-संपादित कर प्रकाशित संग्रह का विमोचन भी किया जायेगा।
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