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लाल ग्रह (Red Planet) पर डायनासोर (Dinosaurs)!
सौर मंडल में असंख्य तारे व ग्रह मौजूद हैं… इन्हीं ग्रहों में से एक ग्रह लाल ग्रह (Red Planet) है… लाल ग्रह अर्थात मंगल ग्रह… हमेशा से ही मंगल वैज्ञानिकों के लिए खोज का विषय रहा है… मंगल ग्रह के बारे में आये दिन कुछ न कुछ नई जानकारियां प्राप्त हो रही हैं… हाल ही में नासा के रोवर ने जो तस्वीर ली है, वह दिखने में बिल्कुल डायनासोर की एक प्रजाति ‘ब्रैकियोसौरस’ जैसी दिख रही है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का परसेवेरेंस रोवर मंगल ग्रह को करीब से जानने के प्रयासों में जुटा हुआ है। जब से यह रोवर लाल ग्रह पर लैंड हुआ है, तभी से वह वहाँ के पत्थरों का अध्ययन करने में लगा हुआ है। इसी कोशिश में रोवर ने कुछ ऐसी तस्वीरें भी खींची हैं, जिसे देखकर आपकी हंसी छूट जाएगी। एक पत्थर की तस्वीर तो देखने में किसी डायनासोर जैसी लग रही है।
CNET की रिपोर्ट के अनुसार नासा के रोवर ने एक पत्थर की तस्वीर ली है, जो दिखने में बिल्कुल डायनासोर की एक प्रजाति ‘ब्रैकियोसौरस’ जैसा दिख रहा है। ये डायनासोर १५.४ से १५.३ करोड़ साल पहले उत्तरी अमेरिका में पाए जाते थे। NASA-JPL के डाटा का अध्ययन करने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर केविन गिल ने ट्विटर पर ये तस्वीरें शेयर की हैं। सिर्फ़ केविन गिल ही नहीं बल्कि कई अन्य लोगों ने भी रोवर द्वारा मंगल ग्रह पर ली गई तस्वीरें साझा की हैं। अंतरिक्ष मामलों के लेख जेसन मेजर ने एक तस्वीर साझा की है जो इंसानी शरीर के एक हिस्से से मिलती-जुलती है। इसे उन्होंने ‘बट रॉक’ का नाम दिया है। इस तस्वीर पर लोग सोशल मीडिया काफ़ी फनी कमेंट कर रहे हैं। यह तस्वीर फरवरी में ली गई थी।
बताते चलें कि नासा का परसेवेरेंस रोवर मंगल ग्रह के वातावरण को समझने की कोशिश में जुटा हुआ है। रोवर लगातार लाल ग्रह के पत्थरों की तस्वीरें लेकर उनकी समीक्षा कर रहा है। परसेवेरेंस यह जानना चाहता है कि आख़िर ये चट्टानें कैसे बनी हैं। इसके जरिए यह पता लगाया जा सकता है कि क्या कभी मंगल ग्रह पर जीवन था या नहीं। नासा ने यह भी पाया है कि इन चट्टानों में प्राचीन जीवन के केमिकल ट्रेस भी छिपे हैं।
क्या है लाल ग्रह?
मंगल ग्रह सौर मंडल का चौथा ग्रह है और दूसरा सबसे छोटा ग्रह है। इसका अंग्रेज़ी नाम Mars, एक रोमन देवता के नाम के आधार पर रखा गया था। इसके सतह पर आयरन ऑक्साइड काफ़ी अधिक मात्रा में है जिसके कारण इसका रंग गहरा लाल है, अतः इसे लाल ग्रह के नाम से भी जाना जाता है। यह खुली आँखों से देखा जा सकता है। इस ग्रह का अपना मैग्नेटिक क्षेत्र नहीं है। यह एक लौकिक ग्रह है जिसका वायुमंडल बहुत पतला है। इस ग्रह के दो चन्द्रमा हैं–फोबोस एवं डीमोस। पृथ्वी के दिन के हिसाब से सूर्य कि परिक्रमा करने में मंगल ६८७ दिन लगाता है। गैलीलियो ने अपने टेलिस्कोप के द्वारा इस ग्रह कि खोज की थी।
लाल ग्रह की विशेषताएँ
मंगल के सतह में बहुत ज़्यादा अवस्था में आयरन सहित खनिज पाए जाते हैं। सतह पर पाए जाने वाले धूल और पत्थरों में भी आयरन काफ़ी मात्रा में विद्यमान रहता है। आयरन के खनिजों का ऑक्सीकरण हो जाता है जिससे वहाँ की मिट्टी लाल है। यहाँ पर ठन्डे एवं पतले वायुमंडल होने के कारण तरल जल यहाँ ज़्यादा देर तक स्थिर रह ही नहीं पाता। व्यास में मंगल पृथ्वी का आधा है, लेकिन वहाँ का भूभाग लगभग पृथ्वी का आधा है। इस ग्रह पर सौर मंडल के कुछ बहुत ऊँचे पहाड़ एवं गहरी घाटियाँ मौजूद हैं। Olympus Mono नामक पहाड़ २७ किमी लम्बा है। दूसरी तरफ़ Valles Maarineries नामक एक घाटी है जो १० किमी तक गहरी है और ४००० किमी तक चौड़ी है।
मंगल ग्रह पर सौर मंडल के सबसे विशालतम सक्रिय ज्वालामुखी स्थित हैं जिसका नाम Olympus Mons है। इसका व्यास ६०० किमी है। यह एक ढाल के रूप में विराजमान है जो बहते हुए लावा के सूख जाने पर बने होंगे। यहाँ कई अन्य सक्रिय ज्वालामुखी भी हैं। वैज्ञानिक ऐसा मानते हैं कि Valles Marineris का निर्माण क्रस्ट भाग के खिंचाव और फैलाव से हुआ होगा। इस घाटी के अंदर भी कई घाटियाँ मौजूद हैं जोकि १०० किमी तक फैली हुई हैं। इन घाटियों के सतह पर मौजूद गहरे निशानों को देख कर लगता हैं जैसे यहाँ कभी पानी मौजूद रहा होगा।
सूर्य से ज़्यादा दूरी होने के कारण मंगल ग्रह का तापमान पृथ्वी से बहुत कम है। यहाँ का औसतन तापमान माइनस ६०॰ सेल्सियस है। वहाँ के शीतकालीन मौसम के दौरान तापमान माइनस १२५॰ सेल्सियस रहता है। यहाँ के वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड गैस प्रधान है एवं पृथ्वी के हिसाब से १०० गुना कम घना है। शीतकालीन मौसम के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड गैस जम जाती है।
लाल ग्रह पर किये गए शोध
- वहाँ के मिट्टी के एवं अन्य नमूनों के अध्ययन के आधार पर वैज्ञानिकों ने यह कहा है कि मंगल का वायुमंडल पहले बहुत घना एवं गाढ़ा था जिसके कारण इसकी सतह पर पानी के स्रोत थे।
- यहाँ शीतकाल में कार्बन डाइऑक्साइड सहित बर्फीले बादलों का निर्माण होता है।
- मंगल ग्रह पर बहुत भयानक धूल भरी आंधियाँ चलती हैं जो कई महीनों तक विराजमान रहती हैं। तेज हवा के कारण बहुत अधिक मात्रा में धूल उड़ती है जिसके कारण पूरा वातावरण गर्म हो जाता है।
- इस ग्रह के बारे में जानने के लिए नासा ने साल १९६० के दशक से यहाँ मिशन भेजना शुरू कर दिया था। इससे पता चला कि मंगल ग्रह एक बंजर ग्रह है। जैसा कि माना जाता था, वहाँ जीवन होने के कोई संकेत नहीं मिले। साल १९७१ में Mariner ९ मिशन ने मंगल के चक्कर लगाए एवं उसके ८० प्रतिशत भाग का मापीकरण किया। इसने ज्वालामुखियों एवं घाटियों की भी खोज की।
FAQ About Mars
मंगल की सतह पर कौन से खनिज पाए जाते हैं?
मंगल के सतह में बहुत ज़्यादा अवस्था में आयरन सहित खनिज पाए जाते हैं।
ब्रैकियोसौरस नमक प्रजाति के डायनासोर कहाँ पाए जाते थे?
ये डायनासोर १५.४ से १५.३ करोड़ साल पहले उत्तरी अमेरिका में पाए जाते थे।
लाल गृह क्या है?
लाल गृह (मंगल ग्रह) सौर मंडल का चौथा ग्रह है और दूसरा सबसे छोटा ग्रह है। इसका अंग्रेज़ी नाम Mars, एक रोमन देवता के नाम के आधार पर रखा गया था।
मंगल गृह का रंग लाल क्यों है?
इसके सतह पर आयरन ऑक्साइड काफ़ी अधिक मात्रा में है जिसके कारण इसका रंग गहरा लाल है, अतः इसे लाल ग्रह के नाम से भी जाना जाता है।
क्या मंगल गृह को खुली आँखों से देखा जा सकता है?
जी हाँ, मंगल गृह को खुली आँखों से देखा जा सकता है।
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