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रिजल्ट ही सबकुछ नहीं है जीवन में
रिजल्ट ही सबकुछ नहीं है जीवन में: रुपेश कुमार
परीक्षा में ज़्यादा नम्बर लेकर आना ही जीवन की राह तय नहीं करता! इसके साथ-साथ ज्ञान भी ज़रूरी है! सिर्फ़ अच्छे नम्बर से कोई जीवन में सफलता हासिल नहीं कर सकता है! ना ही डिवीज़न से! कभी-कभी थर्ड डिवीज़न वाला भी आई.ए.एस, डॉक्टर, इंजीनियर, सी.ए बन जाता है! आपके परीक्षा का नम्बर आपकी ज़िन्दगी तय नहीं करता ना ही आपकी राह! ये नम्बर तो एक जीवन का खेल है! आपका असली ज्ञान, हौसला, आगें बढ़ने की इच्छा, शौक आपकी जीवन का राह तय करता है! आपकी सफलता की नींव बनाती है!
कभी-कभी अच्छे नम्बर वाले भी फ़ेल हो जाते है, कुछ नहीं बन पाते है! सिर्फ़ मार्क्स जीवन का लक्ष्य निर्धारित नहीं करती है! आपका मजबुत संकल्प, आत्मविश्वास, मेहनत, आगे बढ़ने की चाह ही आपको सफलता के क़दम चूमने को अग्रसर करती है! जब तक इंसान में सिर्फ़ नंबर, रिजल्ट की चाह रहेगी वह जीवन में सक्सेसफुल हो सकता है लेकिन एक सीमित अवधि तक! दुनिया में नाम-ख्याति प्राप्त नहीं कर सकता! जब इंसान में नॉलेज, आत्मविश्वास, हौसले का हुनर समा जाएगा फिर वह जीवन में आई.ए.एस. ही नहीं राष्ट्रपति भी बन सकता है!
जीवन में फ़ेल होना कोई बुरी बात नहीं जो फ़ेल होता है वही टॉपर्स होता है! जीवन में कोई फ़ेल नहीं होता वह तो आगे बढ़ता है, सीखता है और समाज को नई राह दिखाता है! आज दुनिया के सबसे समृद्ध देश अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन वह भी जीवन में असफलता की अनेक सीढियों को पाते गए मगर कभी हार नहीं माने और अमेरिका के राष्ट्रपति बन गये! हमारे भारत के राष्ट्रपति, मिसाईल मैन डॉक्टर ए.पी.जे.अब्दुल कलाम को भी इंडियन पायलट के एग्ज़ाम में साथ ही एक बार पढ़ाई पिरियड में पेपर लीक हो जाने से असफल हो गए लेकिन उन्होंने हौसला, आत्मविश्वास बनाए रखा और बन गये भारत के राष्ट्रपति! दुनिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन बिल गेट्स के पास डिग्री नहीं है लेकिन आज सबसे सफल ही नहीं दुनिया के सबसे अमीर आदमी है!
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन जिनको उनके आवाज़ के कारण रिजेक्ट किया गया लेकिन आज पूरी दुनिया पर राज कर रहें है! माधुरी दीक्षित भारतीय सिनेमा की धकधक अभिनेत्री बनी। क्या उनके पास अच्छे नंबरों से पास होने की डिग्री है या कोई नौकरी है? उनके पास तो आत्मविश्वास, हुनर है जो सिर्फ़ भारत ही नहीं पूरी दुनिया के दिलों पर छाई हुई है! भारतीय सिनेमा की स्वर कोकिला लता मंगेशकर जिनके पास कोई बड़ी यूनिवर्सिटी की डिग्री है या जॉब! नहीं वह है तो आत्मविश्वास, हुनर, लग्न और आगे बढ़ने की लालसा तभी आज पूरी दुनिया में महान है! आज दुनिया में जो भी सफल व्यक्ति या ख्याति प्राप्त है उनके पास किसी बड़े संस्था से डिग्री नहीं है? सिर्फ़ है तो आत्मविश्वास, नॉलेज, हुनर, आगे बढ़ने की लालसा!
जैसे भारतीय उद्योग के जन्मदाता जमशेद रतनजी टाटा अंग्रेजो के ज़माने के ख्याति प्राप्त बिजनेस मैन जिनके आत्म विश्वास ने दुनिया के विख्यात लोगों में शुमार कर दिया! एशिया के नम्बर एक उद्योगपति मुकेश अंबानी के पिता धीरूभाई अंबानी जी क्या थे? क्या उनके पास कोई डिग्री थी? नहीं न और ना संपत्ति और ना कोई नौकरी! प्राइवेट जॉब करते थे लेकिन उनके पास आगे बढ़ने की ललक थी, आत्म विश्वास था तब आज वह यहाँ है! भारतीय गणितज्ञ एस.रामानुजन जो मैट्रिक में फ़ेल, इंटर में फ़ेल लेकिन गणित में १०० में १०० लाने वाले रॉयल सोसायटी लंदन के मेम्बर बन गए क्योकिं उनके पास काबिलियत थी, हुनर था वह था टैलेंट जिनकी पूरी दुनिया दिवानी थी और आज भी है!
न्यूटन जो एक सेब के कारण गुरुत्वाकर्षण का नियम, गति का नियम एवं जड़त्व का नियम को खोज निकाला क्योकिं उनके पास सोचने की शक्ति थी जो हर कोई कर सकता है मगर सभी के पास वह काबिलियत नहीं है! दुनिया में कोई भी चीज करना आसान है मगर जब उसे आसान सोचा जाए! अल्बर्ट आइंस्टीन जो सापेक्षता के सिद्धांत और द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण E = mc२ की खोज किये! देखने में साधु जैसा भेष मगर उनकी दिमागी क्षमता अतुलनीय थी! जिन्हे कुशल गणितज्ञ माना जाता है! भारतीय स्वर सम्राट मोहम्मद रफी जिन्हें कौन नहीं जानता है! लगभग १ लाख से ऊपर गाना गाने का विश्व रिकॉर्ड और किसी के पास नहीं है! हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की उपलब्धियों को पूरी दुनिया जानती है एक फोर्स के सिंपल नौकरी करने वाले अपने काबिलियत के दम पर ही पूरी दुनिया में इतिहास रच दिए!
भारतीय क्रिकेट के महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर जिनके खेल का पूरी दुनिया लोहा मानती है, आज उन्हे पूरी दुनिया क्रिकेट का भगवान मानती है वह मैट्रिक फ़ेल लेकिन उनकी हुनर से उन्हे आज पूरी दुनिया जानती है! जीवन में नम्बर, मार्क्स आपको महान, टॉप नहीं बनाती है! आपकी सोच, हौसला, आत्मविश्वास, हुनर, आगे बढ़ने की कोशिश आपको सफल बना सकती है! आपका डिवीज़न कुछ भी हो ज्ञान का होना अतिआवश्यक है! कभी हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर कलाम साहब ने कहा था “छोटा लक्ष्य एक अपराध है” अत: जीवन में नम्बर, मार्क्स के पीछे नहीं भागे! ज्ञान, आत्मविश्वास, हुनर के पीछे भागे!
रुपेश कुमार
प्रतियोगी छात्र एवं लेखक
चैनपुर, सीवान, बिहार
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