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सोचिये संभलकर (Think carefully)
सोचिये संभलकर (think carefully) : मित्रों… इस बार मैं आपको कुछ ऐसी बातों के बारे में बताने जा रहा हूँ… जिनसे आप रूबरू तो हैं… लेकिन ध्यान नहीं देते। जी हाँ दोस्तों… कुछ ऐसी छोटी-छोटी आदतें, जो हमारे भविष्य निर्माण में एक बड़ा योगदान रखती हैं।
क्या आप जानते हैं…?
आपके विचार आपके भविष्य की इमारत होते हैं। आप जैसा सोचते हैं… एक न एक दिन वैसे ही बन जाते हैं। इसलिए ये जानना ज़रूरी है कि हम किस दिशा में जा रहे हैं…? कहने का अर्थ ये है कि हमें इस बात पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है कि हमारे अपने विचार कैसे हैं…? कहीं ऐसा तो नहीं कि हम अपने जीवन की ग़लत रुपरेखा तैयार करने में जुटे हों। मजे की बात है मित्रो कि हम जानते तो बहुत कुछ हैं… लेकिन मानते बिलकुल नहीं। सही सुना आपने… हम सब जानते हैं… कि धूम्रपान जानलेवा है… लेकिन फिर भी हम इसका इस्तेमाल करते हैं।
हम यह भी जानते हैं कि समय की बर्बादी… ज़िन्दगी बर्बाद करने जैसी है। लेकिन क्या हम इस पर अमल कर पाते हैं…? कुछ दिन पहले मैं एक मित्र से चर्चा कर रहा था तो वह बोला… यार ये तो मुझे सब पता है… कुछ और हो तो बोलो। मुझे उसकी बात सुनकर बड़ा आश्चर्य हुआ। मैंने कहा यार… जब सब कुछ पता है… फिर भी…! ऐसा ही होता है। हम सब जानते हैं… लेकिन मानते नहीं। मित्रों… युवावस्था एक ऐसी अवस्था होती है जहाँ हमें मित्र बनाने का बड़ा शौक होता है।
कैसे हों हमारे मित्र?
आगे जो मैं कहने जा रहा हूँ… उसे ज़रा ग़ौर से पढ़ियेगा… कितने आश्चर्य की बात है कि जब हम बाज़ार से कुछ खरीदने जाते हैं… तो पूरी जाँच पड़ताल करने के बाद ही कोई चीज खरीदते हैं। लेकिन मित्र बनाने से पहले हम ज़रा भी नहीं सोचते। जबकि हमारे मित्र हमारे जीवन की दिशा को प्रभावित करने में अहम् रोल निभाते हैं। इसलिए सोच समझकर मित्रता कीजिये। ऐसे लोगों से फ़ासला बनाकर रखिये… जो अपने माँ-बाप का सम्मान नहीं करते। हमेशा ऐसे लोगों के संपर्क में रहिये जिनसे कुछ सीखने को मिले।
कौन है आपके आस-पास?
मित्रों, जहाँ तक संभव हो अपने आस पास ऐसे लोगों को रखिये… जो आपको पॉजिटिव सोचने के लिए प्रेरित करते हों। या यों कहिये कि नेगेटिव सोच वाले लोगों से कोसों दूर रहिएगा। हैलो… हाई… तक तो ठीक है… लेकिन उससे आगे… उससे आगे बिलकुल नहीं। कोई भी व्यक्ति वैसा ही होता है… जैसे उसके विचार होते हैं। व्यक्ति के विचार ही तय करते हैं… कि वह सफलता की किन ऊंचाइयों को छू सकता है…? इसलिए मित्रों… आप अपने नेगेटिव विचारों को पूरी तरह नष्ट कर दीजिये… अन्यथा वे आपको नष्ट कर देंगे। महत्त्वपूर्ण बात ये नहीं कि कल तक आप क्या थे…? महत्त्वपूर्ण बात तो ये है कि आप अपने कल के बारे में क्या सोचते हैं…?
अभी कुछ दिन पहले मैंने एक एक्टर के बारे में पढ़ा… जो बहुत कम पढ़ा लिखा था। लेकिन बचपन से ही उसने एक ही सपना देखा… एक बहुत बड़ा एक्टर बनने का सपना। खेत में घास काटते समय… गायों को घर वापस लाते समय… वह केवल एक ही बात सोचता था… एक बड़े से थियेटर में बड़े परदे पर उसका नाम बड़े-बड़े अक्षरों में एक्टर के नाम की जगह लिखा है। यह सपना उसने कई सालों तक देखा… और एक दिन वह घर छोड़कर भाग गया। उसने मोशन पिक्चर्स में कई सालों तक छोटे मोटे काम किए.। और एक दिन वह आया जब उसने अपने बचपन में देखे गए सपने को साकार होते देखा।
सपने साकार होते हैं…
यदि आप सफलता दिलाने वाली सतत कल्पना की शक्ति को जान लें तो। जैसा कि मैंने पहले ही कहा कि आपके विचार आपके भविष्य की इमारत होते हैं। हमारा मस्तिष्क तस्वीरों पर काम करता है… आप इसको जैसी तस्वीरें देंगे… यह उन्हीं पर काम करना शुरू कर देगा। तो अगर आप जीवन में सफल होना चाहते हैं… तो अपने मस्तिष्क को सफलता की तस्वीरें दीजिये। जैसा जीवन आप चाहते हैं… जैसी सफलता आप चाहते हैं… उसकी तस्वीरें बनाना शुरू कर दीजिये। तस्वीरों से मेरा मतलब ये नहीं कि आप काग़ज़ पेन उठायें… और तस्वीरें बनाने लग जाएँ। नहीं… नहीं… मैं उन तस्वीरों की बात कर रहा हूँ जो हम जागती आँखों से देखते हैं।
सो मित्रों… अपने मन मस्तिष्क में अपने सफल जीवन की रुपरेखा बनाइये… और उसे हर पल महसूस कीजिये। उन क्षणों को महसूस कीजिये जब आप सफल हो चुके होंगे। सोचिये… कि आप चारों तरफ़ से सफलताओं से घिरे हैं… और दिल से सोचिये कि आप दुनिया के सफलतम व्यक्तियों में से एक हैं… सफलता आपके क़दम चूम रही है… और मित्रों… सफलता आपके क़दम ज़रूर चूमेगी। तो जाइये काम शुरू कीजिये… इंतज़ार किस बात का…!
~ मनोज कुमार “मंजू”
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