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स्वयं पर निवेश (self investment)
स्वयं पर निवेश (self investment): मित्रों कभी आपकी मुलाकात ऐसे लोगों से हुई जो सवकुछ जानते हैं। जी हाँ दोस्तों कुछ ऐसे लोग भी मिल जाते हैं जो अपने आपको परिपक्व समझते हैं और सोचते हैं कि उन्हें सीखने की क्या ज़रूरत… उन्हें तो सबकुछ आता है… लेकिन मित्रो मैं आपको बता दूँ कि जो सीखने को तैयार नहीं वह जीवन में कुछ नहीं कर सकता… सीखना तो जीवन पर्यन्त चलने बाली प्रक्रिया है।
मित्रो सीखने के लिए ये ज़रूरी है कि आप अन्दर से सीखने के लिए तैयार हों… कोई भी व्यक्ति आपको तब तक कुछ सिखा नहीं सकता जब तक कि आप स्वयं सीखना न चाहें… मित्रो बदलाव एक ऐसा दरवाज़ा है जो अन्दर से खुलता है… बाहर से कोई खटखटा तो सकता है लेकिन खोलना आपको ही पड़ेगा… तो सीखने के लिए ख़ुद को तैयार कीजिये…
आप अपने में बदलाव लाना चाहते हैं तो आपको ख़ुद पर निवेश करना होगा… अब कुछ लोग सोचेंगे कि ख़ुद पर निवेश ये क्या बला है… और कुछ तो Investment का नाम सुनकर ही घवरा जाते हैं… घवराइए नहीं इसमे कोई बहुत बड़ी पूंजी नहीं लगानी होती… बस थोड़ा-सा ख़र्च अपने लिए… वह कैसे और कहाँ करना है वह भी मैं आपको बता देता हूँ… कुछ अच्छे विचारकों की पुस्तकें खरीदिये… अभी मैं Whats App पर एक मेसेज पढ़ रहा था जिसका आशय कुछ इस प्रकार था कि ट्रेन के AC कोच में महान विचारकों की पुस्तकें पढ़ी जाती हैं… स्लीपर कोच में कुछ चर्चित लोगों के विचार और क्रिया कलाप पढ़े जाते हैं जबकि जनरल डिब्बे में पढ़ी जाने वाली पुस्तकों का कोई स्तर ही नहीं होता…
पुस्तकों का हमारे मन पर बड़ा गहरा असर होता है… तो इसलिए हमेशा अच्छी पुस्तकों का अद्ययन करें… महान लोगों की जीवनियों को पढ़ें… सकारात्मक और सफल लोगों के विचार पढ़ें… एक और जगह है जहाँ आपको बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है… आजकल बहुत सारी चैन सिस्टम बाली कम्पनियाँ हैं… उनके प्लान चाहे जैसे भी हों… लेकिन उनके जो सेमिनार या मीटिंग्स होती हैं… वह ग़ज़ब की होती हैं… वह आपके अन्दर एक नयी ऊर्जा… एक नयी सोच भर देते हैं… इन कंपनियों से जुड़े बिना भी आप इनके सेमिनार अटेण्ड कर सकते हैं… और मैं तो कहता हूँ कि टिकिट लेकर भी जाना पड़े तो जाइये… इससे आपकी सोच में सकारात्मकता आती है… आप ख़ुद में बदलाव महशूस करेंगे…
जब आपके अन्दर बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो जाती है तो समझिये कि आप सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं… और सफलता की ओर अग्रसर हो रहे हैं… तो मित्रो अपने ऊपर किया गया थोड़ा-सा इन्वेस्टमेंट आपको बहुत बड़ा Return दे सकता है… जिसकी आपने कल्पना भी नहीं की होगी… यहाँ मैं आपको एक छोटी-सी कहानी सुनाना चाहूँगा…
एक दुकानदार के पास एक व्यक्ति पैदल चलते हुए आया… कुछ पुस्तकें खरीदी और चला गया … कुछ महीनों बाद वह व्यक्ति स्कूटर पर आया… कुछ पुस्तकें ली और चला गया… फिर कुछ महीनों बाद वह व्यक्ति मोटर साइकिल पर आया और कुछ पुस्तकें खरीदी और फिर चला गया… कुछ महीनों बाद फिर से वह व्यक्ति आया और इस बार वह कार में आया… फिर से कुछ पुस्तकें खरीदी और चल पड़ा… तो दुकानदार ने पूछ ही लिया… एक बात बताओ साहब पहली बार आप आये थे तो पैदल थे… फिर स्कूटर… मोटर साइकिल और अब कार… मैं वहीँ का वहीँ पुस्तकें बेच रहा हूँ और आप पैदल से कार… ये सब कैसे…?
तो उस व्यक्ति ने जबाव दिया कि आप पुस्तकें बेचते हैं जबकि मैं पुस्तकें पढ़ता हूँ… पुस्तकें पढ़कर ही मैंने ये सब हासिल किया है… तो ये पॉवर है किताबों में… बशर्ते आप उन्हें पढ़ें और अमल में लायें…
मुझे आशा है आप ऐसा ज़रूर करेंगे… आइये बदलाव की प्रक्रिया को आज से ही शुरू करते हैं…!
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१- आह्वान
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