
साहित्यिक आलोचना के गुण-दोष
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गरीब लड़का

एक छोटे से गाँव में एक गरीब लड़का रहता था। उसका नाम अली था। अली के पास कुछ भी नहीं था लेकिन वह बहुत मेहनती था। वह हर दिन सुबह से शाम म तक काम करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे।
एक दिन अली नाम का एक बूढ़ा आदमी आया। बूढ़े व्यक्ति ने अली से कहा, “अली, तुम बहुत मेहनती हो। मैं तुम्हें इनाम देना चाहता हूँ। मेरे साथ आओ। मैं तुम्हें कुछ ऐसा दूँगा जो तुम्हारी ज़िंदगी बदल देगा।”
अली ने उस बूढ़े आदमी के साथ जाने का फ़ैसला किया। वे एक जंगल में गए जहाँ बूढ़े व्यक्ति ने अली को एक पेड़ के नीचे बैठने को कहा। बूढ़े व्यक्ति ने अली से कहा, “अली, यह पेड़ बहुत ख़ास है। इसकी जड़ों में ऐसी शक्ति है जो तुम्हारा जीवन बदल देगी। तुम बस इस पेड़ की जड़ों को पकड़कर बैठो और अपने जीवन में बदलाव के लिए प्रार्थना करो।”
अली ने बूढ़े आदमी की बात सुनी और पेड़ की जड़ों को पकड़ कर बैठ गया। उसने अपना जीवन बदलने के लिए प्रार्थना की। थोड़ी देर बाद अली को एक अजीब-सी अनुभूति हुई। उसने अपने अन्दर एक नई शक्ति आती हुई महसूस की।
अली ने बूढ़े व्यक्ति को धन्यवाद दिया और अपने गाँव वापस चला गया। वहाँ उसने अपनी कहानी अपने परिवार और दोस्तों को बताई। अली की कहानी सुनकर हर कोई हैरान रह गया।
अली ने अपने जीवन की एक नई शुरुआत की। उन्होंने अपने गाँव में एक स्कूल खोला और गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देना शुरू किया। अली की कड़ी मेहनत और लगन ने जल्द ही उन्हें एक सफल व्यक्ति बना दिया।
छोटे बच्चे की बड़ी जिम्मेदारी
एक छोटे से गाँव में एक छोटा लड़का रहता था। उसका नाम आमिर था। एक दिन आमिर के पिता अचानक बीमार पड़ गए और उनकी मृत्यु हो गई। आमिर की माँ ने अपने बेटे को समझाया कि अब वह परिवार में कमाने वाला एकमात्र व्यक्ति है।
आमिर ने अपनी माँ की बात मानी और घर की जिम्मेदारी संभाली। वह हर दिन सुबह से शाम तक काम करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। आमिर की कड़ी मेहनत और लगन ने जल्द ही उन्हें एक सफल व्यक्ति बना दिया।
एक गरीब लड़की की बड़ी उम्मीदें।
एक गरीब परिवार में एक लड़की रहती थी। उसका नाम शबनम था। शबनम के माता-पिता बहुत गरीब थे और उनके पास अपनी बेटी को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए पैसे नहीं थे।
लेकिन शबनम ने हार नहीं मानी। वह हर दिन स्कूल जाती थी और पढ़ाई में बहुत मेहनत करती थी। शबनम की कड़ी मेहनत और लगन ने जल्द ही उसे एक अच्छी छात्रा बना दिया।
शबनम ने अपनी पढ़ाई पूरी की और उसे अच्छी नौकरी मिल गई। उन्होंने अपने परिवार का भरण-पोषण करना और उनके जीवन को बेहतर बनाना शुरू कर दिया।
एक अनाथ लड़के की बड़ी जिम्मेदारी
वहाँ एक अनाथ लड़का रहता था। उसका नाम सलीम था। सलीम के माता-पिता की मृत्यु तब हो गयी जब वह बच्चा था। वह एक अनाथालय में रहता था।
लेकिन सलेम ने हार नहीं मानी। वह हर दिन स्कूल जाता था और पढ़ाई में बहुत मेहनत करता था। सलीम की कड़ी मेहनत और लगन ने जल्द ही उसे एक अच्छा छात्र बना दिया।
सलीम ने अपनी पढ़ाई पूरी की और उसे अच्छी नौकरी मिल गई। उन्होंने अपने अनाथ दोस्तों की मदद करना और उनके जीवन को बेहतर बनाना शुरू कर दिया।
मनजीत सिंह
सहायक प्राध्यापक उर्दू
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र
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